झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के खिलाफ राजधानी रांची के एसटी-एससी थाना में प्रथामिकी दर्ज कराई है. इसमें रांची जोनल ऑफिस के चार अधिकारियों को नामजद किया गया है. कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल को नामजद आरोपी बनाया गया है. इनके अलावा अज्ञात अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसटी-एससी थाना के इंस्पेक्टर इंचार्ज को बुधवार के पास लिखित शिकायत भेजी. इसमें हेमंत सोरेन ने लिखा है कि अनुसूचित जनजाति के सदस्य और साहिबगंज विधानसभा के जनप्रतिनिधि के रूप में ईडी के इन चार अधिकारियों के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं.
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हेमंत सोरेन ने बुधवार (31 जनवरी) को एसटी-एससी थाने को भेजी अपनी शिकायत में कहा है कि 30 जनवरी को जब वह रांची पहुंचे, तो कुछ इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया से उन्हें मालूम हुआ कि ईडी के उपरोक्त अधिकारियों ने उनको और उनके समाज को परेशान करने और उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन और 5/01, शांति निकेतन स्थित उनके आवास पर छापेमारी की.
हेमंत सोरेन ने लिखा है कि 27 और 28 जनवरी को वह नई दिल्ली गए थे. इस दौरान वह 5/1 शांति निकेतन स्थित अपने सरकारी आवास में ठहरे. 29 जनवरी को उन्हें मालूम हुआ कि ऊपर में नामित अधिकारी कुछ अन्य अफसरों के साथ मेरे इस आवास पर पहुंचे और तलाशी ली. मुझे इसकी जानकारी तक नहीं दी गई. हेमंत सोरेन ने कहा है कि इन्हीं अधिकारियों ने मुझे कहा था कि 29 से 31 जनवरी के बीच वे रांची में मुझसे पूछताछ करना चाहते हैं.
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इसके आगे हेमंत ने लिखा है कि राष्ट्रीय और झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया में जो खबरें आईं हैं, निश्चित तौर पर इन्हीं अधिकारियों ने उन्हें ब्रीफ किया होगा. मेरी समझ में इसका एकमात्र मकसद आम जनता की नजर में मुझे बदनाम करना है. इतना ही नहीं, 30 जनवरी को मीडिया रिपोर्ट्स से मुझे मालूम हुआ कि इन्हीं लोगों ने एक झूठी खबर फैलाई कि मेरे दिल्ली स्थित आवास से नीले रंग की बीएमडब्ल्यू कार जब्त की गई है, जो मेरी है. साथ ही नकदी बरामद होने की बात भी कही गई है.
हेमंत सोरेन ने स्पष्ट किया है कि ईडी जिस बीएमडब्ल्यू कार की बात कर रही है, वह उनकी नहीं है. न ही उनके पास कोई अवैध धन है. झारखंड विधानसभा के सदस्य ने कहा है कि उपरोक्त लोगों के साथ-साथ कुछ अज्ञात लोग, जो न अनुसूचित जाति के हैं, न अनुसूचित जनजाति के, ने उनकी छवि धूमिल करने के लिए ऐसा किया.
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हेमंत सोरेन ने अपनी लिखित शिकायत में यह भी कहा है कि इन लोगों ने मेरे खिलाफ ऐसे सबूत तैयार करने की कोशिश की है, ताकि मुझे दोषी साबित किया जा सके. मेरे ऊपर ऐसे आरोप साबित किए जाने की कोशिश है, जिसमें सात साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है.
ईडी के अधिकारियों की इस कार्रवाई से मुझे और मेरे परिवार को घोर मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी है. हमें प्रताड़ित करने वाले इन लोगों में से कोई भी एससी या एसटी समुदाय से नहीं आता है. इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि ईडी के नामजद चार लोगों के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके विधिसम्मत कार्रवाई की जाए.
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एसटी-एससी थाना में एससी/एसटी (पीए) एक्ट के तहत केस (नंबर 6/24) दर्ज कर लिया गया है. गोंदा थाना के सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार राय को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं. बरहेट विधानसभा साहिबगंज जिले में है.