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झारखंड: रांची होटवार जेल में अपर डिवीजन सेल के ब्लॉक बी के कमरा नंबर 1 में बीतेगी हेमंत सोरेन की रात

झारखंड के पूर्व सीएम व झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का नया ठिकाना होटवार जेल के अपर डिवीजन सेल के ब्लॉक बी में कमरा नंबर 1 है. ईडी कोर्ट में पेशी के बाद इन्हें गुरुवार को सीधे होटवार जेल (बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार) लाया गया.

रांची: झारखंड के पूर्व सीएम व झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का नया ठिकाना होटवार जेल के अपर डिवीजन सेल के ब्लॉक बी में कमरा नंबर 1 है. ईडी कोर्ट में पेशी के बाद इन्हें गुरुवार को सीधे होटवार जेल (बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार) लाया गया. इनकी आज की रात यहीं बीतेगी. जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. आपको बता दें कि 31 जनवरी (बुधवार) को लंबी पूछताछ के बाद जमीन घोटाले में ईडी की टीम ने इन्हें रात में गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद इन्हें ईडी ऑफिस में रखा गया था. इसके बाद इनकी पेशी ईडी कोर्ट में की गयी थी. रिमांड पर दोनों पक्षों की बहस के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया. शुक्रवार को रिमांड पर अदालत फैसला सुनाएगी.

रिमांड पर दोनों पक्षों की बहस पूरी, फैसला सुरक्षित

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को सात घंटे से भी ज्यादा चली पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था. मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए किसी राजनीतिज्ञ के मनी लाउंड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी की देश की यह पहली घटना है. मुख्यमंत्री ने अपनी गिरफ्तारी से पहले ईडी के अधिकारियों पर रांची स्थित एससी/एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी. ईडी की गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में गुरुवार को पेश किया गया. ईडी ने 10 दिनों की रिमांड की मांग की. दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गयी. इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया. शुक्रवार को रिमांड पर फैसला होगा.

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इस मामले में हेमंत सोरेन की हुई गिरफ्तारी

ईडी ने 29 जनवरी को हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर हुई छापेमारी के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर हुई पूछताछ में हेमंत सोरेन द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिये जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उनकी गिरफ्तारी ईसीआईआर संख्या आरएनजेडओ/25/23 के सिलसिले में की गयी है. ईडी ने यह ईसीआईआर सदर थाने में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आलोक में की थी. ईडी ने मामले की प्रारंभिक जांच में यह पाया था कि बड़गाईं अंचल में डीएवी बरियातू के पीछे 8.45 एकड़ जमीन पर मुख्यमंत्री का कब्जा है. इस जमीन की मापी का निर्देश बड़गाईं अंचल को उदय शंकर नामक पीपीएस ने दिया था. वह तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू के साथ प्रतिनियुक्त था.

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