मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका जिले में पिछले कई दशकों से उठ रही सिंचाई परियोजना की मांग को पूरी की है और 1313 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मसलिया-रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का गुरुवार को भूमि पूजन व शिलान्यास किया. मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मसानजोर डैम बनने के दौरान ही करार हुआ था कि डैम से दो नहर बायां व दायां तट नहर का निर्माण होगा. बायां तट तो बना, लेकिन दायां तट नहर की मांग तमाम प्रयासों के बाद भी एकरारनामा के अनुरूप पूरी नहीं हुई.
ऐसे में उनकी सरकार ने तमाम अड़चनों को देखते हुए किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की यह पहल की है. उन्होंने कहा कि स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट को बनने में 40 साल का वक्त लगा और 6000 करोड़ रुपये खर्च हुए. हजारों गांव डूबे. सिंचाई मिली तो महज 52000 हेक्टेयर भूमि में. यह प्रोजेक्ट तीन साल में 1313 करोड़ में बनेगा और 22883 हेक्टेयर भूमि इससे सिंचित होगी.
प्रोजेक्ट की वे खुद लगातार मॉनिटरिंग करेंगे. समारोह में मंत्री आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, प्रो स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, सीता सोरेन, बसंत सोरेन, दिनेश विलियम मरांडी, मुख्यमंत्री के सचिव विनय चौबे, जल संसाधन सचिव प्रशांत कुमार आदि मौजूद थे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की कि उनकी सरकार ने कल्याण छात्रावासों का कायाकल्प किया है. पहले कभी जिन छात्रावासों का रंग-पोचाड़ा नहीं हुआ करता था, आज वे सभी छात्रावास बिजली की रोशनी में चमक रहे हैं. आज छात्रों के लिए परेशानी यह है कि वे खाना बनायें कि पढ़ाई करें. उनकी सरकार हर छात्रावास के लिए रसोइया व रात्रि प्रहरी बहाल करने जा रही है. भोजन का भी इंतजाम सरकार ही करेगी.
पाकुड़ में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पूर्व सांसद सह भाजपा नेता हेमलाल मुर्मू भी पहुंचे थे. उन्हें जिला प्रशासन ने बुलाया था. चर्चा का बाजार गर्म रहा कि हेमलाल झामुमो ज्वाइन कर सकते हैं. हालांकि श्री मुर्मू ने झामुमो ज्वाइन करने की संभावना से इनकार किया.