Jharkhand News: नियोजन नीति रद्द किये जाने के बाद राज्य में पैदा हुई स्थिति के विरोध में राज्यभर के युवा बुधवार को सड़कों पर उतर आये. राज्य के अलग-अलग जिलों से हजारों की संख्या में छात्र विधानसभा घेरने राजधानी पहुंच गये. हजारीबाग, गिरिडीह, रामगढ़, लोहरदगा, गढ़वा, दुमका और रांची से हजारों की संख्या में युवाओं ने विधानसभा मार्च किया. हालांकि बड़ी संख्या में छात्रों को राजधानी में प्रवेश करने से पहले दूसरे जिलों की सीमा पर ही रोक लिया गया. युवाओं की मांग राज्य में ठोस नियोजन नीति बनाने, लंबित नियुक्तियों को अविलंब भरने और उम्र सीमा में छूट देने की है.
सरकार का प्रयास था कि वर्ग तीन और चार में मूलवासियों और आदिवासियों को रोजगार मिले. लेकिन, इसमें बाधा आ गयी है. अब पीछे देखने से कोई फायदा नहीं है. आगे देखना होगा. नौजवान जगह-जगह पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. मैंने विधायकों को उनके पास भेजा. कहा कि जाकर उनको शांत करें. उनको बतायें कि सरकार उनके साथ खड़ी है. विधिसम्मत और संवैधानिक जो भी रास्ते होंगे, सरकार निकालेगी. जो अच्छा रास्ता होगा, सरकार उसी पर चलेगी. नौजवान जो चाहेंगे, सरकार उसी अनुरूप निर्णय लेगी. हम उनको बेहतर अवसर प्रदान करेंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को लेकर प्रतिबद्ध है. यही वजह है विगत कई माह में जो हुआ, वह पहले नहीं हुआ था. सभी राज्यों ने अपनी-अपनी नियोजन नीति बनायी. परेशानी यहां ही होती है. यहां की नियोजन नीति से दूसरे लोगों को तकलीफ होती है. राज्य के युवाओं के लिए हमने परीक्षा फीस 50 से 100 रुपये कर दिया है. इस कारण पहले जो ढाई लाख आवेदन आते थे, अब चार लाख आने लगे हैं. यह भी एक जंग की तरह है. जैसे अलग राज्य की लड़ाई थी, उसी तरह का है.
यहां बौद्धिक रूप से कमजोर लोगों पर अत्याचार हो रहा है. युवाओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है. सरकार अपना कमिटमेंट पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने बड़ी होशियारी से राज्य को दीमक की तरह चाटने का काम किया. पूर्व में हुए शिक्षक बहाली में कई बाहरी लोग आ गये. उन्हें यहां की रहन, सहन, संस्कृति की जानकारी नहीं है. पता नहीं वह कैसे गांव में जाकर काम कर रहे हैं. हमारी चिंता ग्रामीणों को लेकर है. ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वालों को लेकर है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग सबसे अधिक आर्मी, रेलवे और बैंक की नौकरी में जाते थे. केंद्र ने इसे बंद कर दिया.
झारखंड में नियोजन नीति रद्द होने के बाद पैदा हुई स्थिति को लेकर राज्यभर के युवा बुधवार को सड़कों पर उतर आये. सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. हजारों की तादाद में छात्रों ने विधानसभा मार्च किया. हालांकि छात्रों को जगन्नाथपुर मंदिर के करीब ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक दिया.
प्रदर्शनकारी युवा सरकार से जल्द संवैधानिक नियोजन नीति बनाकर नियुक्तियां शुरू करने की मांग कर रहे थे. सरकार की ओर से मंत्री सत्यानंद भोक्ता, झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू, माले विधायक विनोद सिंह, कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय, आजसू विधायक डॉ लंबोदर महतो ने छात्रों से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि दो माह में नयी नियोजन नीति तैयार हो जायेगी.
झारखंड के नौजवानों के आंदोलन और नियोजन नीति को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि जो हम कहते हैं, उसे करते हैं. झारखंड को लोगों ने प्रयोगशाला समझ रखा था. आज नौजवानों के विषय को लेकर कुछ लोग आग लगाने का प्रयास कर रहे हैं. उनको जल्द माकूल जवाब मिलेगा.
झारखंड में इमरजेंसी जैसा हाल कर दिया गया है. छात्रों को थाना में बैठा कर रखा गया है, उन्हें रांची आने से रोका जा रहा है.
भानू प्रताप शाही, भाजपा विधायक
झारखंड विरोधियों ने इसे निरस्त कराया है. भाजपा के लोग झारखंड विरोधी हैं. ये राज्यपाल से मिलने तक नहीं जाते और नौजवानों को बरगला रहे हैं.
प्रदीप यादव, विधायक
सत्ता पक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है. हमने राज्यपाल से मिलने की सहमति नहीं दी थी. कार्यमंत्रणा का विषय राज्यपाल से मिलने का नहीं हो सकता है़
नीलकंठ सिंह मुंडा, भाजपा विधायक
भाजपा के लोग राजनीति कर रहे हैं. प्रश्नकाल को बाधित कर रहे हैं. इनको बताना चाहिए कि पिटिशनर रमेश हांसदा कौन है.
सुदिव्य सोनू, झामुमो विधायक