सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, ईडी के समन के बाद किया था अदालत का रूख
हेमंत सोरेन ने जमीन खरीद बिक्री मामले में ईडी द्वारा जारी समन के आलोक के पूछताछ के लिए हाजिर होने के बदले कानूनी रास्ता अपनाया था. उन्होंने 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर किया
रांची : जमीन घोटाले मामले में ईडी के समन खिलाफ सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज में सुनवाई होगी. ये सुनवाई न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी की अदालत में होगी. इससे पहले 15 सितंबर को इस मामले में सुनवाई होनी थी. लेकिन मुख्यमंत्री के वकील की तबीयत खराब होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. मुख्यमंत्री ने आवेदन दायर कर सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई टालने का अनुरोध किया था. उनके इस आग्रह को अदालत ने स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख 18 सितंबर को तय किया था.
23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में किया था रिट पिटीशन दायर
बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन ने जमीन खरीद बिक्री मामले में ईडी द्वारा जारी समन के आलोक के पूछताछ के लिए हाजिर होने के बदले कानूनी रास्ता अपनाया था. उन्होंने 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर किया. इसमें उन्होंने पीएमएलए 2002 की धारा 50 और धारा 63 को असंवैधानिक बताया और केंद्रीय एजेंसी द्वारा उन्हें राजनीतिक कारणों से परेशान करने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री ने अदालत से गुहार लगाई थी कि वे इसमें हस्तक्षेप करते हुए समन को स्थगित करे या पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आदेश दें.
सीएम हेमंत ने ईडी से समन वापस लेने की मांग की थी
समन जारी होने के बाद ही सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी से समन वापस लेने को कहा था. उन्होंने कहा था कि हमने पहले ही अपनी संपत्ति की जानकारी दे दी हैं. अगर वह गुम हो गया है तो वे फिर से इसे उपलब्ध करा सकते हैं. गौरतलब है कि इससे पूर्व अवैध खनन मामले में ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए समन जारी किया था. उस दौरान वे ईडी के समक्ष उपस्थित हुए थे और ईडी के सभी प्रश्नों का जवाब दिया था. पूछताछ के दौरान संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी ईडी को उपलब्ध कराए थे
9 सितंबर को ईडी के समक्ष हाजिर नहीं हुए थे हेमंत सोरेन
बता दें 9 सितंबर को भी उन्हें पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया था, लेकिन सीएम केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में हाजिर नहीं हुए. नयी दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट के दौरान राष्ट्रपति की ओर से दिए गए रात्रिभोज में शामिल होने के लिए दिल्ली चले गए थे. मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका भी दाखिल कर रखी है. झारखंड के सीएम का कहना है कि ईडी की ओर से बार-बार पूछताछ के लिए उनको बुलाना गलत है.