रांची : हमारे कदम चलते रहेंगे, जब तक सांस है, परिस्थिति से परे, हमें विश्वास है. हम वह मुसाफिर नहीं, जो बाधा देखकर चलना छोड़ दें. इन पंक्तियों के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अपना भाषण शुरू किया. मुख्यमंत्री ने भाषण में जहां अपने सरकार उपलब्धियों को राज्य के लोगों के समक्ष रखा, वहीं राज्य के पिछड़ेपन से लेकर अन्य परेशानियों के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया. श्री सोरेन ने कहा : सरकार बनने के साथ ही हम चुनौती का सामना कर रहे हैं. हमने कोविड, सुखाड़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया. सरकार बनने के साथ ही इसे गिराने की भी कोशिशें शुरू हो गयीं. आज विपक्ष के लोग पानी पी-पीकर सरकार को कोस रहे हैं. लेकिन, ये सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और आगे भी यही सकार आयेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी झारखंड देश के सबसे पिछड़े राज्य में आता है. वर्ष 2019 से पहले लोग हाथ में राशन कार्ड लेकर भूख से मर जाते थे. पिछले चार साल में इतनी आपदा के बाद भी हमारी सरकार ने किसी को भूख से मरने नहीं दिया. मुख्यमंत्री ने कहा : हमें विरासत में क्या मिला है, इसका उदाहरण यह विधानसभा भवन भी हैं, जहां अगर ईयर फोन नहीं लगायें, तो माइक की आवाज भी नहीं सुनायी देती है. आज विधानसभा से तीन सदस्यों को निलंबित किया गया, तो हल्ला किया जा रहा है. संसद से तो देश के 21.50 करोड़ लोगों के प्रतिनिधियों को ही बाहर कर दिया गया है. विपक्ष के लोग सदन में कुछ और सदन के बाहर कुछ और बोलते हैं.
केंद्र ने 2022 तक सभी गरीबों को आवास देने की बात कही थी. पर हमने जब सर्वे कराया, तो आठ लाख ऐसे गरीब परिवार मिले, जिनके पास अपना आवास नहीं था. हमने केंद्र के समक्ष बात रखी, तो उसने पहले मानने से इनकार कर दिया. बाद में हमारा कोटा यूपी को दे दिया. इसके बाद हम अपनी अबुआ आवास योजना लाये. 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया. चार साल में हमारी सरकार ने 21 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया. जबकि, पिछले 20 वर्षों में आठ लाख किसानों को ही क्रेडिट कार्ड मिला था. सूखा प्रभावित किसानों को 500 करोड़ का मुआवजा दिया गया. राज्य सरकार के चार वर्ष पूरा होने पर 29 दिसंबर को हजारों युवाओं को नौकरी दी जायेगी.
सदन में मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार जातीय गणना कराने के पक्ष में है. जहां तक ओबीसी व अन्य वर्गों का आरक्षण बढ़ाने की बात है, तो यह विषय राजभवन के पास है. विधेयक इस आशा के साथ राजभवन में है कि राज्यपाल महोदय मुहर लगायेंगे. अब तक राज्यपाल ने किसी भी तरह से इस मामले में अवगत नहीं कराया है. सत्र के बाद हमलोग राज्यपाल से मिलकर आग्रह करेंगे कि आरक्षण से संबंधित विधेयक स्पष्ट हो. मुख्यमंत्री श्री सोरेन विधायक प्रदीप यादव के गैर सरकारी संकल्प का जवाब दे रहे थे. इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि सरकार ने तय किया है कि ग्रामीण विकास विभाग जातीय गणना करायेगा.