रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इडी पर राजनीति से प्रेरित होकर चुनी हुई सरकार को काम करने से रोकने का आरोप लगाया. उन्होंने इडी द्वारा 20 जनवरी को पूछे गये सवालों को तथ्यों से परे और गलत करार दिया. साथ ही बजट सत्र की व्यस्तता के बावजूद 31 जनवरी को अपने आवास पर ही बयान दर्ज कराने पर सहमति देते हुए इडी को इ-मेल भेजा है. अपनी आपत्तियों के साथ ही मुख्यमंत्री ने बयान दर्ज कराने के लिए इडी को 31 जनवरी को दोपहर एक बजे अपने आवास पर बुलाया है.
मुख्यमंत्री की ओर से भेजे गये इमेल में कहा गया है कि 20 जनवरी को सात घंटे के दौरान इडी की ओर से 17-18 सवाल पूछे गये थे. इसमें से अधिकतर सवाल गलत थे. सारे सवाल चुनाव के दौरान उनके द्वारा दायर किये गये शपथ पत्र से संबंधित थे. तीन-चार सवाल बड़गाई स्थित जमीन से जुड़े थे. मुख्यमंत्री की ओर से यह भी कहा गया है कि इडी जमीन मामले में उन पर गलत आरोप लगा रही है. संबंधित जमीन भुईंहरी प्रकृति की है. इसकी खरीद बिक्री नहीं की जा सकती है. यह जमीन पांच दशकों से पाहन परिवार के पास है. इस तरह के सवाल वास्तव में समय बर्बाद करनेवाले हैं.
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पत्र में यह भी कहा गया है कि इडी ने सोहराई भवन की व्यापारिक गतिविधियों की जांच कर ली है. यह व्यापार उनकी पत्नी का है. अब तक की पूछताछ के दौरान इडी की ओर से कोई ऐसा सवाल नहीं पूछा गया है, जो पीएमएलए के तहत शिड्यूल ऑफेंस से संबंधित हो. पत्र में सीएम की ओर से अपनी व्यस्तता का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि फरवरी में बजट सत्र है. इस स्थिति को जानने के बावजूद उन्हें पूछताछ के लिए समन देना राजनीति से प्रेरित हो कर चुनी हुई सरकार को काम करने से रोकना है.