रांची : कोरोना वायरस कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में फंसे झारखंड के प्रवासी कामगारों, विद्यार्थियों, मरीजों और उनके परिजनों तथा अन्य नागरिकों की घर वापसी सुनिश्चित करने के मसले को लेकर प्रदेश कांग्रेस के एक शिष्टमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बाहर निकलने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दूबे ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी कि देश में झारखंड ही एक ऐसा राज्य है, जिसने लॉकडाउन में सबसे अधिक विशेष श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से प्रवासी नागरिकों की घर वापसी सुनिश्चित करने का काम किया.
उन्होंने बताया कि झारखंड में अब तक 104 स्पेशल ट्रेनें आ चुकी है, जिसमें आज छह ट्रेनें झारखंड पहुंच रही है और अगले तीन दिनों में 56 स्पेशल ट्रेन झारखंड के विभिन्न स्टेशनों पर पहुंचेगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि झारखंड सरकार पंजीयन कराने वाले करीब सात लाख प्रवासी नागरिकों को घर वापस लाने के लिए प्रयासरत है. इसके लिए अधिक से अधिक ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को यह भी जानकारी दी कि देश के विभिन्न राज्यों में रह रहे झारखंडवासियों का पंजीयन होने के बाद राज्य सरकार विशेष ट्रेन परिचालन से प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को लेकर एनओसी देती है और इन यात्रियों को राज्य वापस लाने के लिए झारखंड सरकार की ओर से किराये का भुगतान किया जाता है. राज्य में अब तक एक लाख प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी सुनिश्चित हो चुकी है. देश के विभिन्न शहरों से वापस आने वाले सभी यात्रियों को विशेष ट्रेन के माध्यम से संबंधित जिले और उनके घर पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है. इसके अलावा क्वॉरंटाइन सेंटर में रहने तथा परिवार के सभी सदस्यों के लिए राशन की भी व्यवस्था की जा रही है. इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर , प्रदेश प्रवक्ता आलोक दूबे और लाल किशोर नाथ शाहदेव मौजूद थे.