रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायक दल की बैठक के बाद विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सदन को नेता प्रतिपक्ष मिल गया है. सत्र में राज्य के विषय आयेंगे. लोकतंत्र के सबसे मजबूत, सबसे बड़े मंदिर में आम आदमी की समस्या रखी जायेगी. आम आदमी की समस्या सदन में आयेगी, तो सरकार जवाब देने के लिए तैयार है. लोकसभा में पिछले दिनों हुई घटना पर कहा कि यह चिंता का विषय है. संसद के अंदर घटना हुई है. झारखंड के संदर्भ में कहा कि स्पीकर ने संज्ञान लिया है. वह सारी चीजों को देख रहे हैं.
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सदन में प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने कहा कि विपक्ष विकास के मुद्दे पर हमेशा सकारात्मक सहयोग करता रहा है. हमारी भूमिका एकदम स्पष्ट है, हम राज्यहित में साथ हैं. लेकिन इस सरकार की नीयत व नीति सही नहीं है. हम जनता के सवालों व समस्या से कोई समझौता नहीं कर सकते हैं. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा. राज्य की जनता जिन सवालों का जवाब चाहती है, हम सदन में लेकर आयेंगे. सरकार की मंशा सही है, सदन में बहस चाहते हैं, तो ऐसे मुद्दों पर जवाब देना होगा.
रांची : आला अधिकारियों की बैठक में स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने अधिकारियों से विधायी कार्यों की जानकारी जानना चाहा. स्पीकर ने अधिकारियों से पूछा: शून्य काल क्या होता है, आप जानते हैं. बताइये. बैठक में पहुंचे अधिकारी चुप थे. शून्यकाल के बारे में कुछ नहीं बता पाये. स्पीकर ने कहा कि शून्य काल में अपने विषय रखने के लिए विधायक सुबह चार-छह बजे पहुंच जाते हैं. उसके बाद शून्यकाल लिया जाता है. शून्यकाल के विषय महत्वपूर्ण होते हैं. इसके बाद स्पीकर ने पूछा आश्वासन क्या होता है, बताइये. एक महिला अधिकारी ने बताया कि प्रश्नों के चर्चा के दौरान सदन में मंत्री जो आश्वासन देते हैं, उसे सरकार का आश्वासन माना जाता है.