मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड के मजदूर वर्ग को उनका हक-अधिकार मिलता रहे, इसके लिए जल्द ही राज्य सरकार एक नियमावली बनायेगी. हमारे राज्य के मजदूरों का एक बड़ा हिस्सा दूसरे राज्य के बिचौलिया तथा ठेकेदार लेकर जा रहे हैं. हमारी सरकार एक नियम बनाने जा रही है, जिसमें सभी कांट्रेक्टर, बिल्डरों आदि निर्माण कार्य से जुड़े संस्थानों को स्थानीय मजदूरों के साथ काम करने की बाध्यता रहेगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार की सोच है कि झारखंड बेरोजगारी तथा पलायन जैसी समस्याओं से मुक्त हो सके. सीएम ने यह बात गुरुवार को कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे जिला परिषद अध्यक्षों के साथ भेंटवार्ता के दौरान कही.
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भेंट-वार्ता के क्रम में जिला परिषद अध्यक्षों ने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों को शक्तियां एवं सुविधाएं प्रदान किये जाने संबंधी अपने नौ सूत्री मांगों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने जिला परिषद अध्यक्षों से कहा कि आपकी मांगों पर राज्य सरकार सकारात्मक पहल करते हुए विधिसम्मत यथोचित कार्यवाही करेगी. सीएम ने आश्वस्त किया कि वर्तमान सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी.
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सुनीता देवी (बोकारो), जोएस बेसरा (दुमका), श्रद्धा सिंह (धनबाद), उमेश मेहता (हजारीबाग), सुधा चौधरी (रामगढ़), मसीहा पुडिया (खूंटी), किरण माला वाड़ा (गुमला), रीना भगत (लोहरदगा), रोज प्रतिमा सोरेन (सिमडेगा) ,निर्मला भगत (रांची), बारी मुर्मू (पूर्वी सिंहभूम), सोनाराम बोडरा (सरायकेला), शांति देवी (गढ़वा), प्रतिमा कुमारी (पलामू), पूनम देवी (लोहरदगा), मोनिका किस्कू (साहिबगंज), जोली सिस्ट मनी (पाकुड़), राधा रानी (जामताड़ा), बेबी देवी (गोड्डा), ममता कुमारी (चतरा), रामधन यादव (कोडरमा), उमेश मेहता (हजारीबाग) के अतिरिक्त जिला प्रतिनिधि भी आये थे.