बड़गाई अंचल (रांची) की 8.5 एकड़ जमीन मामले में आरोपी हेमंत सोरेन की रिमांड अवधि समाप्त होने पर इडी ने गुरुवार को दोपहर 2:03 बजे उन्हें पीएमएलए के विशेष कोर्ट में पेश किया. अदालत ने हेमंत सोरेन को 22 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार भेजने का आदेश दिया. इसके बाद इडी की टीम उन्हें कोर्ट से दोपहर 2:25 बजे लेकर अपने साथ बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा चली गयी. इस दौरान कुछ समर्थकों ने हेमंत सोरेन जिंदाबाद के नारे लगाये. हालांकि थोड़ी देर में वरीय नेताओं ने उन्हें चुप करा दिया. न्यायिक हिरासत के अंतिम दिन 22 फरवरी को हेमंत सोरेन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जेल से ही पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जायेगा. हेमंत को इडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. इडी का टीम नो 13 दिनों तक उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की. गुरुवार को जेल पहुंचने के बाद हेमंत सोरेन को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अपर डिविजन सेल नंबर एक में रखा गया. एक फरवरी को भी उन्हें इसी सेल में रखा गया था.
हेमंत सोरेन सनातन धर्म से आदिवासी को अलग करने की रचते रहे साजिश : भाजपा
सभी आदिवासी सनातनी हैं. उनको सनातन धर्म से अलग करने की साजिश हेमंत सोरेन और उनका परिवार करता है. यह आरोप लगाया है भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने. श्री सिन्हा ने गुरुवार को बिष्टुपुर स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता में कहा कि हेमंत सोरेन ने बयान दिया था कि आदिवासी समुदाय सनातन धर्म से नहीं है. यह गलत है. प्रकृति पूजक होने के नाते सनातन धर्म से अलग किया जा रहा है, जबकि आदिवासी समुदाय सनातन धर्म से ही है. उनको अलग नहीं रखा जा सकता है. प्रकृति की पूजा सनातन धर्म में होता ही आया है. छठ पर्व से लेकर कई पर्व प्रकृति की पूजा होती है. आदिवासियों में विभेद पैदा करने का काम हेमंत सोरेन और अन्य लोग कर रहे हैं. तुहिन सिन्हा ने भगवान बिरसा मुंडा को भी भारत रत्न देने की मांग की है.