तारा शाहदेव मामले में दर्ज हुआ सीएम हेमंत सोरेन का बयान, कहा-रकीबुल को नहीं जानते
मुश्ताक आलम ने अदालत में कहा कि वह रकीबुल हसन को नहीं पहचानते. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में सीएम के यहां इफ्तार पार्टी का आयोजन हुआ था. इसके लिए सीएमओ से निमंत्रण कार्ड पार्टी कार्यालय चला जाता है
पूर्व राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न व दहेज प्रताड़ना के मामले में रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन ने सीएम हेमंत सोरेन को गवाह बनाया था. उनके प्रतिनिधि के रूप में मंगलवार को अदालत में झामुमो जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम उपस्थित हुए. मुश्ताक आलम ने अदालत में कहा कि वह रकीबुल हसन को नहीं पहचानते. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में सीएम के यहां इफ्तार पार्टी का आयोजन हुआ था.
इसके लिए सीएमओ से निमंत्रण कार्ड पार्टी कार्यालय चला जाता है. वहां से पार्टी के वरीय नेता कार्ड कार्यालय प्रभारी से लेते हैं. उन्हीं में से किसी ने रकीबुल को कार्ड दिया होगा या स्वयं किसी प्रकार से कार्ड हासिल कर इफ्तार पार्टी में शामिल हो गया होगा. इसके बाद वह सीएम से अपना संबंध जोड़ रहा है. मुख्य आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन ने बचाव पक्ष की गवाह की सूची अदालत को सौंपी है, जिसमें सीएम हेमंत सोरेन को भी गवाह बनाया था.
यह है मामला :
गौरतलब है कि मामले में मुख्य आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन के अलावा उसकी मां कौशर रानी, हाइकोर्ट के बर्खास्त विजिलेंस रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद ट्रायल फेस कर रहे हैं. रंजीत कोहली व तारा शाहदेव की शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी. शादी के कुछ दिन बाद ही धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करते हुए उससे दहेज की मांग की जाने लगी थी. मारपीट होने के बाद तारा शाहदेव ने उक्त बातों का जिक्र करते हुए हिंदपीढ़ी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. बाद में वर्ष 2015 में सीबीआइ ने केस को टेकओवर कर लिया था.