चुनाव आयोग ने CM हेमंत के लीज प्रकरण मामले में मांगा जवाब, रघुवर दास ने की थी राज्यपाल से शिकायत
झारखंड चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पत्थर खदान का लीज लेने के लगे आरोप पर जवाब मांगा है, इसके बाद फैसला किया जायेगा कि लीज का मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट’ के दायरे में आता है या नहीं
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अपने नाम पर पत्थर खदान का लीज लेने का आरोप लगा है. इस प्रकरण में चुनाव आयुक्त ने सरकार से विस्तृत ब्योरा मांगा है. इस सिलसिले में चुनाव आयुक्त ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है. चुनाव आयुक्त ने यह कार्रवाई राज्यपाल द्वारा अनुशंसित पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के शिकायती पत्र के आधार पर की है. सरकार का जवाब मिलने के बाद चुनाव आयोग द्वारा यह फैसला किया जायेगा कि मुख्यमंत्री द्वारा लिये गये लीज का मामला ‘ऑफिस ऑफ प्रॉफिट’ के दायरे में आता है या नहीं.
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा नौ-ए में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आनेवाले किसी सदन के सदस्य की सदस्यता समाप्त करने का प्रावधान है. मामले में अंतिम निर्णय के लिए चुनाव आयोग सरकार के जवाब का इंतजार कर रहा है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पिछले दिनों राज्यपाल से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सिलिसिले में शिकायत की थी.
इसमें यह कहा गया था कि हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रहते हुए पत्थर खदान लीज पर लिया है. रांची जिले के अनगड़ा प्रखंड के खाता नंबर 187, प्लॉट नंबर 482 के 0.88 एकड़ क्षेत्रफल पर यह खनन पट्टा स्वीकृत किया गया है. खनन पट्टा पांच वर्षों के लिए दिया गया है. राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री के इस शिकायती पत्र को चुनाव आयोग के पास भेज दिया. क्योंकि किसी सदस्य की सदस्यता पर उठाये गये सवाल पर फैसला करने का अधिकार कानूनी रूप से चुनाव आयोग के पास है.
राज्यपाल का पत्र मिलने के बाद चुनाव आयुक्त ने सरकार से यह जानना चाहा है कि शिकायती पत्र में वर्णित तथ्य सही है या नहीं. आयोग ने यह जानना चाहा है कि हेमंत सोरेन ने खदान के लिए कब आवेदन किया. सरकार के स्तर पर उसे कब और कितने दिनों में स्वीकृत किया गया. आरटीआइ कार्यकर्ता सुनील महतो ने 20 जनवरी 2022 को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यपाल को पत्र लिख कर पूरे मामले की शिकायत की थी़ राज्यपाल रमेश बैस ने इस मामले को लेकर राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को तलब भी किया था.
Posted By: Sameer Oraon