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20 वर्षों में झारखंड की सबसे मजबूत सरकार, एक साल पूरे होने पर बोले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन बोले 20 वर्षों के इतिहास में सबसे सरकार बनी

jharkhand news, hemant soren press conference, hemant soren press conference key point रांची : झारखंड के 20 वर्षों के इतिहास में इतनी मजबूत सरकार कभी नहीं बनी. इस सरकार ने ‘कोरोना काल’ से बहुत कुछ सीखा है. अब इससे आगे निकल कर राज्य को विकास की पटरी पर ले जाना है. पूर्व की सरकार ने खजाना खाली कर रखा था, जिसकी वजह से घोषणापत्र के अमल में विलंब हुआ है. एक वर्ष बाद कृषि ऋण माफी होने जा रही है. उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार शाम अपने आवास पर कहीं. वह सरकार के एक साल पूरा होने पर समाचार पत्रों के पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

श्री सोरेन ने कहा : विपक्षी यह जान लें कि यह खरीद-फरोख्त से बनी सरकार नहीं है. विपक्षी दल आरोप लगाते हैं, तो उसका कोई आधार होना चाहिए. गठबंधन पर कोई खतरा नहीं है, यह सबसे मजबूत गठबंधन की सरकार है. सीएम ने कहा : नेताविहीन भाजपा स्तरविहीन सोच रखती है. सरकार के कई निर्णयों में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका होती है. सरकार के कार्यों में अड़चन डालने के लिए ही भाजपा सोची-समझी रणनीति के तहत नेता प्रतिपक्ष पर निर्णय नहीं ले रही है और इसका ठीकरा सरकार पर फोड़ने का प्रयास कर रही है. हालांकि, उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे. किसान आंदोलन के सवाल पर सीएम ने कहा : हम आंदोलनरत किसानों के साथ खड़े हैं. आंदोलन के रुख पर नजर रखी जा रही है. हम उनके फैसलों पर राजी होंगे.

भाजपा ने ‘वृहत झारखंड’ के पर कतर दिये : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा अक्सर कहती है कि अलग झारखंड राज्य बनाने में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वपूर्ण भूमिका रही, लेकिन उस दौरान जो षड्यंत्र हुआ, उस पर कोई नहीं बोलता. ‘वृहत झारखंड’ राज्य की परिकल्पना के पर कतरे गये. बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के आदिवासी बहुल क्षेत्र, जो झारखंड की सीमा से सटे हुए थे, उन्हें एक साजिश के तहत झारखंड से काट दिया गया, ताकि झारखंड राजनीतिक रूप से मजबूत न हो सके.

सीएम ने कहा कि जरूरत पड़ी, तो एक बार फिर आंदोलन का रुख अपनाया जायेगा. झामुमो ‘वृहत झारखंड’ के क्षेत्र में ही चुनाव लड़ता है, ताकि ये मांग बरकरार रहे.

मजबूत संघीय ढांचे का पालन करे केंद्र सरकार : श्री सोरेन ने कहा : मजबूत संघीय ढांचे के लिए केंद्र सरकार के साथ बेहतर समन्वय बनाकर चलने का प्रयास रहा है, पर केंद्र के साथ मीठे अनुभव कम, खट्टे ज्यादा रहे हैं. डीवीसी का बकाया वसूलने के लिए केंद्र के इशारे पर आरबीआइ ने झारखंड के खाते से पैसे काट लिये. दूसरी ओर बिजली कटौती भी की जा रही है. हमारा जीएसटी का पैसा भी नहीं दिया जा रहा है.

केंद्र सरकार के उपक्रमों पर हजारों करोड़ बकाया हैं. आजाद भारत के बाद या पिछले 20 वर्षों में किसी सरकार ने बकाया वसूली के लिए कोई ठोस पहल नहीं की. अब एक कमेटी बनायी गयी है, जो केंद्र सरकार के उपक्रमों से लगातार समन्वय कर बकाया वसूली में जुटी है. पहली बार केंद्रीय मंत्री झारखंड को ढाई सौ करोड़ रुपये देकर गये हैं. झारखंड केंद्र से अपना अधिकार सम्मान के साथ लेगा.

झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने का काम हो रहा :

सीएम ने कहा कि कोरोना काल जैसी आपदा में सरकार लगातार काम करती रही है. नये अनुभव मिले हैं. सरकार को आपदा जैसी विकट स्थिति में भी एक-एक रुपया के लिए केंद्र सरकार का मुंह देखना पड़ा, जबकि झारखंड अपने संसाधनों के बलबूते संपन्न राज्य बन सकता है.

पिछली किसी सरकार ने इस दिशा में कोई ब्लू प्रिंट तैयार नहीं किया, लेकिन अब झारखंड को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए काम शुरू हो गया है. धन संग्रह की दिशा में नये टैक्स लगाये गये हैं. अन्य नये कर लगाने का रोड मैप तैयार किया गया है, ताकि सरकार को आर्थिक लाभ भी मिले और सरकार आपदा की घड़ी में बेहतर तरीके से काम कर सके. झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने का काम चल रहा है. खनिज के साथ-साथ अन्य क्षेत्र में भी आय के तरीके खोजे जा रहे हैं.

साइकिल बंटती है, तो उद्योग भी लगेंगे

सीएम ने कहा : हर साल सरकारी स्कूल के लाखों बच्चों को साइकिल दी जाती है. लेकिन, 20 साल के दौरान किसी सरकार ने नहीं सोचा कि यहां साइकिल उद्योग लगाया जाये. हमारी सरकार ने यहां साइकिल उद्योग लगाने के लिए प्रमुख उत्पादकों से संपर्क किया है. वे इसके लिए तैयार भी हैं, लेकिन मौजूदा अर्थव्यवस्था और कोरोना काल को देखते हुए कार्ययोजना की गति धीमी है.

वादे के अनुरूप आरक्षण का दायरा भी बढ़ेगा

सीएम ने कहा कि आरक्षण का दायरा भी बढ़ेगा. निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण लागू होगा. लेकिन, फिलहाल राज्य की स्थिति ऐसी नहीं है कि सभी चीजें एक साथ की जायें. विगत वर्षों में राज्य को कई घाव दिये गये हैं. राज्य के लोगों, मूलवासी, आदिवासी को संरक्षित और सुरक्षित करने के साथ उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना राज्य का दायित्व है. इसे बखूबी निभाया जायेगा.

हर जिले में शुरू किये जायेंगे सीबीएसइ मॉडल स्कूल

मुख्यमंत्री ने कहा : सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव के लिए क्रांतिकारी निर्णय लिया है. राज्य के हर जिले में सीबीएसइ स्कूल शुरू किये जायेंगे. इससे गरीब बच्चों को सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों जैसा प्रतिस्पर्धी माहौल मिलेगा. अच्छे सरकारी स्कूल होने पर अधिकारी-पदाधिकारी सपरिवार ऐसी जगहों पर जाने में रुचि लेंगे और अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहेंगे.

नया साल, नया आगाज

सीएम ने कहा कि नया साल 2021 भी करीब है. सरकार नये साल के साथ नया आगाज भी करेगी. कई नयी योजनाएं शुरू की जायेंगी. रोजगार भी मिलेंगे, 15 लाख अतिरिक्त गरीबों को राशन कार्ड मिलेंगे. हर बुजुर्ग और विधवा को सरकार नये साल में पेंशन देगी. नयी खेल नीति, नयी पर्यटन नीति से राज्य को नयी दिशा मिलेगी. जेपीएससी का स्वरूप भी नया होगा.

झारखंड में काबू में हैं हालात

सीएम ने कहा कि कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा, तो हमारे पास जांच तक की व्यवस्था नहीं थी. आज सभी प्रखंडों में कोरोना की जांच हो रही है. प्रवासी मजदूरों को राज्य में वापस लानेवाला पहला राज्य झारखंड ही बना. कोरोना भी यहां सबसे नियंत्रित हैं. देश के टॉप राज्यों में झारखंड शामिल है, जहां रिकवरी रेट 97% से अधिक और मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम है.

सरकार के एक साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री बोले

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Posted By : Sameer Oraon

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