रांची : स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन थोड़ी ही देर में प्रदेश के श्रमिकों के लिए एक बेहतरीन योजना का शुभारंभ किया. शुक्रवार (14 अगस्त, 2020) को श्री सोरेन ने प्रवासी और राज्य के अकुशल कामगारों के लिए ‘मुख्यमंत्री श्रमिक योजना’ का शुभारंभ किया.
कार्यक्रम का आयोजन धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन के नये सभागार में हुआ.. इस योजना के शुभारंभ के लिए कार्यक्रम की शुरुआत शाम 4 बजे हुई. नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे समेत अन्य पदाधिकारी कार्यक्रम में मौजूद थे.
विभाग के मुताबिक, प्रोजेक्ट भवन के प्रथम तल पर बने नये सभागार में मुख्यमंत्री इस योजना की शुरुआत की. योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, अकुशल श्रमिक हैं. लॉकडाउन और कोरोना संकट की वजह से जिनकी आजीविका पर संकट आ गया है.
Also Read: झारखंड के डीजीपी को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्य और यूपीएससी को भेजा नोटिस
इस योजना का लाभ उन प्रवासी मजदूरों और राज्य के श्रमिकों को भी मिलेगा, जो अन्य राज्यों से इस संकट के दौर में अपने घर आ गये हैं. ऐसे लोगों को संकट से बाहर निकालने के लिए ही मुख्यमंत्री ने इस योजना की परिकल्पना की थी.
मुख्यमंत्री श्री सोरेन का मानना है कि इस योजना के शुरू होने से कोरोना संकट के कारण उत्पन्न आर्थिक, सामाजिक व्यवस्था को पटरी पर लाने में भी मदद मिलेगी. सूत्रों की मानें, तो महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की तरह ही यह योजना भी लोगों को रोजगार की गारंटी देगा.
योजना के तहत शहरों में रहने वाले 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के अकुशल श्रमिकों को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जायेगी. अगर किसी कामगार को आवेदन करने के 15 दिन के अंदर काम नहीं मिलता है, तो वह बेरोजगारी भत्ता का हकदार होगा.
Posted By : Mithilesh Jha