झारखंड: ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देनेवाली हेमंत सोरेन की याचिका पर हाईकोर्ट में पांच फरवरी को होगी सुनवाई

अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देनेवाली झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में पांच फरवरी को सुनवाई होगी. अदालत में पांच फरवरी को सुनवाई के लिए ये मामला सूचीबद्ध किया गया है.

By Guru Swarup Mishra | February 3, 2024 7:13 PM

रांची: अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देनेवाली झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर हाईकोर्ट में पांच फरवरी को सुनवाई होगी. अदालत में पांच फरवरी को सुनवाई के लिए ये मामला सूचीबद्ध किया गया है. आपको बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देनेवाली झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के लिए पांच फरवरी निर्धारित की है. 31 जनवरी को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग केस में ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था. अभी वे ईडी की गिरफ्त में हैं. ईडी की टीम ने उन्हें पूछताछ के लिए पांच दिनों की रिमांड पर लिया है.

31 जनवरी को लंबी पूछताछ के बाद हुई थी गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी को सात घंटे से भी ज्यादा चली पूछताछ के बाद झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था. मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए किसी राजनीतिज्ञ के मनी लाउंड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी की देश की यह पहली घटना है. हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी से पहले ईडी के अधिकारियों पर रांची स्थित एससी/एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी. गिरफ्तारी के बाद वे अब पांच दिनों की ईडी रिमांड पर हैं. ईडी के अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं. ये मामला जमीन घोटाले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग केस का है. 10वें समन पर पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. ईडी की गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है. अब पांच फरवरी को अदालत इस मामले में सुनवाई करेगी.

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हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर भी हुई थी छापेमारी

ईडी ने 29 जनवरी को हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर हुई छापामारी के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर हुई पूछताछ में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिये जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया था. उनकी गिरफ्तारी इसीआइआर संख्या आरएनजेडओ/25/23 के सिलसिले में की गयी है. ईडी ने यह इसीआइआर सदर थाने में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आलोक में की थी. ईडी ने मामले की प्रारंभिक जांच में यह पाया था कि बड़गाईं अंचल में डीएवी बरियातू के पीछे 8.45 एकड़ जमीन पर मुख्यमंत्री का कब्जा है. इस जमीन की मापी का निर्देश बड़गाईं अंचल को उदय शंकर नामक पीपीएस ने दिया था. वह मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू के साथ प्रतिनियुक्त था.

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