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हेमंत ने की आदिवासी हक की बात, अलग सरना कोड पर विचार करें, हमें मिले अलग कॉलम

अपने ऑनलाइन संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए आदिवासी मंत्रालय का निर्माण हुआ. संविधान में पांचवीं और छठी अनुसूची भी आदिवासी हित के लिए बनायी गयी है. आदिवासी समाज एक ऐसा समाज है, जिसकी सभ्यता, संस्कृति और व्यवस्था बिल्कुल अलग है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 21, 2021 10:14 AM

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग कॉलम रखने की मांग रखी. साथ ही यूनिवर्सल पेंशन स्कीम, खनन क्षेत्र में पार्टनरशिप और मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने की मांग भी रखी. मुख्यमंत्री ने यह मांग नीति आयोग की गवर्निंग कॉउंसिल (2021) की वर्चुअल बैठक में शनिवार को रखी.

अपने ऑनलाइन संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए आदिवासी मंत्रालय का निर्माण हुआ. संविधान में पांचवीं और छठी अनुसूची भी आदिवासी हित के लिए बनायी गयी है. आदिवासी समाज एक ऐसा समाज है, जिसकी सभ्यता, संस्कृति और व्यवस्था बिल्कुल अलग है.

पीएम से बोले

  • फाॅरेस्ट क्लीयरेंस को लचीला बनाया जाये

  • मनरेगा में मजदूरी दर बढ़ी, खनन क्षेत्र में पार्टनरशिप के तहत कार्य हो

आदिवासियों को लेकर जनगणना में अपनी जगह स्थापित करने को लेकर वर्षों से मांग रखी जा रही है. झारखंड विधानसभा से पारित कर हमने सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग से संबंधित प्रस्ताव भेजा है. उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी.

हार्वर्ड में कहा

  • झारखंड राज्य की परिकल्पना यहां के लोगों के विकास को लेकर की गयी थी

  • झारखंड को आज जहां होना चाहिए, वहां नहीं है

  • आदिवासियों की स्थिति ठीक नहीं , सदियों से इन्हें दबाया गया

यूनिवर्सल पेंशन लागू हो : मुख्यमंत्री ने कहा कि वृद्धों की शिकायत रहती है कि उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है. संबंधित पदाधिकारी बताते हैं कि लक्ष्य पूर्ण हो चुका है. क्या यूनिवर्सल पेंशन देकर ऐसे वृद्धों को लाभान्वित नहीं किया जा सकता? केंद्र सरकार द्वारा 2007 के बाद से पेंशन की राशि में वृद्धि नहीं की गयी है. हालांकि राज्य सरकार ने राज्य कोष से इसे बढ़ाया है. पेंशन को यूनिवर्सल करने पर केंद्र सरकार विचार करे.

गांवों के सशक्तीकरण से आत्मनिर्भर बनेगा देश: मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीणों की क्रय शक्ति बढ़ाना चाहती है. इसके लिए कृषि, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. लाह और रेशम की खेती को राज्य सरकार कृषि का दर्जा देने की दिशा में काम कर रही है. श्री सोरेन ने कहा कि भारत आत्मनिर्भर देश तभी बनेगा, जब ग्रामीण क्षेत्र का सशक्तीकरण होगा.

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Posted by: Pritish Sahay

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