झारखंड : हेमलाल मुर्मू का BJP से मोहभंग, सीएम हेमंत सोरेन की मौजूदगी में 11 अप्रैल को JMM में लौटेंगे वापस
संताल परगना के अपने किला को दुरुस्त करने में झामुमो जुट गया है. इसी के तहत बीजेपी को बड़ा झटका लगने वाला है. झामुमो से बीजेपी में आये हेमलाल मुर्मू फिर अपने पुराने घर में लौटने वाले हैं. भोगनाडीह में 11 अप्रैल को सीएम हेमंत सोरेन की मौजूदगी में भाजपा छोड़ झामुमो में लौटेंगे.
Jharkhand News: वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होना है. साथ ही 2024 के अंत में झारखंड विधानसभा का चुनाव भी होगा. अब सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गयी हैं. शह-मात का खेल शुरू हो चुका है. इसी कड़ी में संताल परगना क्षेत्र की राजनीति में बड़े नेता हेमलाल मुर्मू एक बार फिर से झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो रहे हैं. अभी वह भाजपा में हैं. 11 अप्रैल को सिदो-कान्हू की जयंती के अवसर पर भोगनाडीह में विशाल कार्यक्रम का आयोजन होता है. जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल होंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में श्री मुर्मू झामुमो का दामन थामेंगे. यह जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद पांडेय ने दी.
2014 में झामुमो छोड़ बीजेपी में हुए थे शामिल
मालूम हो कि वर्ष 2014 में झामुमो छोड़ कर हेमलाल मुर्मू भाजपा में शामिल हो गये थे. हालांकि, इस दौरान वह न तो सांसद बन सके और न ही विधायक बन सके. भाजपा ने उन्हें पहले बरहेट से हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव में उतारा था. फिर दूसरी बार लिट्टीपाड़ा से साइमन मरांडी के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़ाया था. पर वह हार गये थे. हालांकि, पूर्व में वह राजमहल से एक बार सांसद भी रह चुके हैं और बरहेट के विधायक भी. वह राज्य में स्वास्थ्य मंत्री, शिक्षा मंत्री, उद्योग मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं.
भाजपा ग्रास रूट की पार्टी नहीं, इसलिए छोड़ रहा : हेमलाल
पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू ने प्रभात खबर से बात करते हुए बताया कि भाजपा अब ग्रास रूट की पार्टी नहीं रह गयी है. आदिवासी भी भाजपा से दूर हो गये हैं. यह पार्टी के केवल फेसबुक और व्हाट्सएप पर चलती है. जमीन स्तर पर पार्टी का कोई नेता नहीं दिखता. जबकि दूसरी ओर हेमंत सोरेन अभी आदिवासी हित में बेहतर काम कर रहे हैं. 1932 का खतियान लाया, पर यह कानूनी पेंच फंस गया, तो बहाली करने के लिए उन्होंने तत्काल 60:40 लाया. सरना धर्म कोड भी प्रस्ताव विधानसभा से पारित कराया. आज ग्रास रूट पर झामुमो है न कि भाजपा. वैसे भी झामुमो से मैं 35-40 वर्षों तक साथ रहा हूं. यह मेरा पुराना घर है. मेरी घर वापसी हो रही है. श्री मुर्मू ने कहा कि 2024 में एक बार हेमंत सोरेन की सरकार बनेगी. लोकसभा चुनाव में भी झामुमो की सीट बढ़ेगी.
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लोबिन का होगा पत्ता साफ, विकल्प में हेमलाल
झामुमो के बोरियो से विधायक लोबिन हेंब्रम हैं. पर लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि इस बार लोबिन हेंब्रम का पत्ता साफ हो सकता है. उनकी ही जगह पर हेमलाल मुर्मूु को चुनाव लड़ाया जा सकता है. हालांकि इस बात का पुरजोर खंडन करते हुए श्री मुर्मू ने कहा कि उन्हें लोबिन के खिलाफ चुनाव लड़ाने के लिए नहीं लाया जा रहा है. मैें तो पार्टी में शामिल हो रहा हैं. मुझे क्या करना है, इसकी जिम्मेवारी हेमंत सोरेन तय करेंगे.