रांची: अनियंत्रित जीवनशैली और खानपान से झारखंड के लोग तेजी से उच्च रक्तचाप की चपेट में आ रहे हैं. एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट की मानें, तो राज्य के 21.2% पुरुष और 16.1% महिलाएं (15 साल से ऊपरवाले) उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं. उच्च रक्तचाप को माइल्ड (हल्का) और मॉडरेट (ज्यादा) की श्रेणी में रखा गया है. इस हिसाब से 21.2% पुरुष में 15.1% माइल्ड और 6.1 % मॉडरेट की श्रेणी में हैं. वहीं 16.1 % महिलाओं में 11.1% माइल्ड और 5.0% मॉडरेट की श्रेणी में हैं.
एनएफएचएस की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के बड़े शहरों की जीवनशैली सबसे ज्यादा खराब है, जिस कारण लोग उच्च रक्तचाप की चपेट में आ रहे हैं. चिंता की बात यह है कि सबसे ज्यादा उच्च रक्तचाप के मरीज हजारीबाग जिले के हैं, जहां पर 29.3% पुरुष और 16.5% महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हैं.
पीड़ित पुरुषों में 19.4% माइल्ड व 9.9 % मॉडरेट और महिलाओं में 10.6% माइल्ड और 5.9% मॉडरेट की श्रेणी में हैं. वहीं, बोकारो में 25.9% पुरुष और 19.6% महिलाएं उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं. पुरुषों में 17.9% माइल्ड व 8.0 % मॉडरेट और महिलाओं में 13.4% माइल्ड और 6.2% मॉडरेट की श्रेणी में हैं. सामान्य बीपी का मानक 120/80 है, लेकिन यह बढ़कर अगर 140/90 हो जाये, तो यह हाइपरटेंशन का लक्षण है.
राज्य के छोटे शहरों की स्थिति चिंतनीय है. सिमडेगा जिले में 26.3% पुरुष और 19.4% महिलाएं उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं. इसमें पुरुषों में 18.4% को माइल्ड व 7.9% को मॉडरेट और महिलाओं में 11.6% माइल्ड और 7.8% मॉडरेट की श्रेणी में हैं. वहीं, पलामू में 23.5% पुरुष और 16 % महिलाएं उच्च रक्तचाप की मरीज हैं. इसमें पुरुषों में 16.1% को माइल्ड व 7.4% को मॉडरेट और महिलाओं में 11% को माइल्ड और 05 % मॉडरेट की श्रेणी में हैं.
Posted By: Sameer Oraon