Ranchi News : समय मांगे जाने पर हाइकोर्ट नाराज, 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया
जलमीनार के मामले में कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर हुई सुनवाई
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने डोमचांच के एक जलमीनार के मामले में संवेदक मेसर्स एकेजी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्रालि को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस गाैतम कुमार चाैधरी की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा विभाग से इंस्ट्रक्शन लेने के लिए समय मांगे जाने पर नाराजगी जतायी. कोर्ट ने राज्य सरकार पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया. खंडपीठ ने सरकार को जुर्माने की यह राशि दो सप्ताह में हाइकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के पास जमा करने को कहा. साथ ही कहा यदि राशि का भुगतान कर दिया जाता है, तो सरकार को समय प्रदान किया जायेगा. खंडपीठ ने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि रिट याचिका 11 दिसंबर 2024 को दायर की गयी थी और प्रतिवादियों को कागजात सौंपे गये थे. याचिका के पैरा-36 व 37 में विशेष दलील दी गयी थी कि उन्हें ब्लैकलिस्टेड किये जाने से संबंधित तीन सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट की प्रति नहीं मिली है. वहीं प्रतिवादियों के वकील ने निर्देश प्राप्त करने के लिए और समय मांगा है. खंडपीठ ने कहा कि निर्देश प्राप्त करने के लिए लगभग एक माह का समय होने के बाद भी प्रतिवादी ने अपने वकील को निर्देश देने की जहमत नहीं उठायी है और अब फिर से इसी तरह का अनुरोध कर रहे हैं. वैसी स्थिति में जुर्माना 10 हजार रुपये दो सप्ताह में भुगतान करने पर समय दिया जाता है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मेसर्स एकेजी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से याचिका दायर कर ब्लैकलिस्टेड करने को चुनाैती दी गयी है. पेयजल स्वच्छता विभाग ने उक्त कंपनी को जलमीनार के मामले में पांच वर्षों के लिए ब्लैकलिस्टेड किया है. तीन सदस्यीय समिति ने मामले की जांच कर रिपोर्ट दी थी. इसके बाद कंपनी को विभाग ने ब्लैकलिस्टेड किया था.
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