Jharkhand News: रांची के मोरहाबादी मैदान के फुटपाथ दुकानदारों को हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सुनवाई की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बिना नोटिस दिये मोरहाबादी मैदान से फुटपाथ दुकानदारों को क्यों हटा दिया गया. विधि व्यवस्था का मामला सरकार के पास है.
अदालत ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि यदि विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होगी, तो क्या वहां से सभी को हटा देंगे. यह समस्या का समाधान तो नहीं है. मोरहाबादी मैदान में अब तक गैंगवार की कितनी घटनाएं हुई हैं. इसका जवाब सरकार के अधिवक्ता के पास नहीं था. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन मार्च की तिथि निर्धारित की.
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प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता ऋतु कुमार व अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि वे लोग वेंडर हैं और प्रतिदिन मोरहाबादी मैदान के किनारे दुकान लगाते हैं. रांची नगर निगम की ओर से उन्हें वेंडर लाइसेंस भी दिया गया है. बिना नोटिस और स्थायी जगह दिये ही दुकानों को हटा दिया गया है.
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प्रार्थी रौशन कुमार समेत दुकानदारों की ओर से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गयी है. इसमें कहा गया है कि स्थायी जगह मिलने तक मोरहाबादी मैदान में पूर्व की तरह दुकान लगाने की अनुमति दी जाये. आपको बता दें कि मोरहाबादी में पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के आवास के समीप पिछले दिनों गैंगवार की घटना हुई थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा लगाते हुए दुकानों को बंद करा दिया था.
रिपोर्ट: राणा प्रताप