हाईकोर्ट का आदेश, दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई को लेकर 6 माह में पूरी करें विशेष इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति प्रक्रिया
प्रार्थी छाया मंडल ने जनहित याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि राज्य में लगभग पांच लाख दिव्यांग बच्चे हैं. सरकारी स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक का होना आवश्यक है, लेकिन सरकारी स्कूलों में विशेष शिक्षकों की न तो नियुक्ति की गयी है और न ही पद सृजित किया गया है.
रांची. झारखंड हाईकोर्ट ने पांच लाख दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को लेकर दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब को देखा. इसके बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को राज्य के सरकारी स्कूलों में स्पेशल इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति प्रक्रिया छह माह में पूरी करने का आदेश दिया.
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने नियुक्ति का आदेश देते हुए जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभय प्रकाश ने पक्ष रखा, वहीं राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि स्पेशल इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति के लिए नियमावली बनाने की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही नियुक्ति की जायेगी. पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकार से पूछा था कि दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए राज्य में क्या व्यवस्था की गयी है. स्थायी शिक्षकों (विशेष शिक्षक) की नियुक्ति की गयी है या नहीं. राज्य सरकार को कांप्रिहेंसिव रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया गया था.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी छाया मंडल ने जनहित याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि राज्य में लगभग पांच लाख दिव्यांग बच्चे हैं. शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 व राइट टू डिसेबिलिटी एक्ट-2016 के तहत सरकारी स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक का होना आवश्यक है, लेकिन सरकारी स्कूलों में विशेष शिक्षकों की न तो नियुक्ति की गयी है और न ही पद सृजित किया गया है.