Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट से IAS वंदना डाडेल को राहत, एकल पीठ के CBI जांच के आदेश पर रोक
आदित्यपुर औद्योगिक विकास प्राधिकार (आयडा) की तत्कालीन अध्यक्ष, उद्योग व कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल को झारखंड हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिल गयी है. खंडपीठ ने राज्य सरकार की दलील सुनने के बाद एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही प्रतिवादी को नोटिस जारी किया.
Jharkhand News: आदित्यपुर औद्योगिक विकास प्राधिकार (आयडा) की तत्कालीन अध्यक्ष, उद्योग व कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल को झारखंड हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिल गयी है. हाईकोर्ट ने आयडा में नियमों का पालन किये बिना जमीन आवंटित करने के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देनेवाली अपील याचिका पर सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश पारित किया. खंडपीठ ने राज्य सरकार की दलील सुनने के बाद एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही प्रतिवादी को नोटिस जारी किया.
अगली सुनवाई के लिए 18 अक्तूबर को
जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ में अपील याचिका पर सुनवाई हुई. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षतावाली खंडपीठ के नहीं बैठने पर जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अध्यक्षतावाली खंडपीठ में सरकार की ओर से विशेष मेंशन किया गया. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि एकल पीठ के सीबीआई जांच के आदेश को उचित नहीं कहा जा सकता है. एकल पीठ ने सभी बिंदुओं व प्रावधानों पर गौर नहीं किया है. एकल पीठ के आदेश से व्यावसायिक गतिविधियां भी प्रभावित होंगी. महाधिवक्ता ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राज्य सरकार की ओर से वंदना डाडेल ने अपील याचिका दायर की है. इसमें एकल पीठ के 22 सितंबर के आदेश को गलत बताते हुए निरस्त करने की मांग की गयी है.
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एकल पीठ ने दिया था सीबीआई जांच का आदेश
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 22 सितंबर को आयडा में नियमों का उल्लंघन कर जमीन आवंटन किये जाने व नियमों का पालन किये बिना कई संस्थानों का व्यावसायिक दर निर्धारित करने के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. एकल पीठ ने इस मामले मे आयडा की तत्कालीन अध्यक्ष व उद्योग विभाग की वर्तमान प्रधान सचिल वंदना दादेल को भी संलिप्त मानते हुए उनके खिलाफ भी सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया था. साथ ही मुख्य सचिव को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. पीठ ने कहा कि आयडा निदेशक मंडल को नियमों में संशोधन करने का अधिकार नहीं है, लेकिन निदेशक मंडल ने नियमों में संशोधन कर फैक्ट्री के बदले शो रूम खोलनेवालों के लिए व्यावसायिक दर निर्धारित कर दिया, जो सही नहीं था. मामले की सुनवाई के दौरान जब एकल पीठ ने आयडा के बायलॉज व अधिकार क्षेत्र के बारे में जानकारी मांगी, तो कई तथ्य सामने आये. यह बात भी सामने आयी कि आयडा में फैक्ट्री लगाने के बदले शो रूम खोलने का भी प्रावधान है. जब एकल पीठ ने यह जानना चाहा कि क्या आयडा खुद इस तरह का प्रावधान कर सकता है? बताया गया कि आयडा के निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से ऐसा करने का निर्णय लिया था. फैक्ट्री के बदले शो रूम खोलनेवालों से व्यावसायिक शुल्क लिया जायेगा, ताकि राजस्व आता रहे. जब यह निर्णय लिया गया था, तब आयडा के अध्यक्ष पद पर वंदना डाडेल पदस्थापित थीं.
रिपोर्ट : राणा प्रताप, रांची