निकाय चुनाव को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने मेयर का पद ST से हटाने के मामले में मांगा जवाब

झारखंड हाईकोर्ट में निकाय चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट ने मेयर का पद एसटी से हटाने के मामले में जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 23 दिसंबर की तिथि निर्धारित की.

By Prabhat Khabar News Desk | December 3, 2022 8:26 AM

झारखंड हाईकोर्ट ने रांची के मेयर पद अनुसूचित जनजाति (एसटी) से हटा कर अनुसूचित जाति (एससी) के लिए रिजर्व करने के विरोध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने माैखिक रूप से जानना चाहा कि मेयर पद को एसटी से हटा कर एससी के लिए रिजर्व क्यों किया गया. यह विषय महत्वपूर्ण है. नीतिगत निर्णय लिया गया है, इसलिए सरकार दो सप्ताह के अंदर जवाब दायर करे. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 23 दिसंबर की तिथि निर्धारित की.

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि शिड्यूल एरिया में नगर निगम चुनाव में मेयर या नगर निकाय में अध्यक्ष या नगर पंचायत अध्यक्ष का पद सिर्फ आदिवासियों के लिए ही आरक्षित हो सकता है. गैर आदिवासियों के लिए ये पद रिजर्व नहीं किया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी लक्ष्मी नारायण सिंह मुंडा ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि पांचवीं अनुसूची के तहत शिड्यूल जिले के नगर निगम के मेयर या अध्यक्ष का पद आदिवासियों के लिए रिजर्व होता है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न नगर निगम व नगर निकायों में मेयर या अध्यक्ष का पद एसटी से हटा कर अन्य के लिए रिजर्व कर दिया है, जो गलत है. प्रार्थी ने आयोग के आदेश को निरस्त करने की मांग की है.

Also Read: झारखंड में बीस सूत्री समिति की नहीं बन पायी राज्य स्तरीय कमेटी, सरकार है गंभीर
ढुल्लू महतो के निर्वाचन मामले में जलेश्वर महतो की ओर से गवाही बंद

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस गाैतम कुमार चाैधरी की अदालत ने ढुल्लू महतो के निर्वाचन को चुनाैती देनेवाली चुनाव याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान अदालत ने प्रार्थी जलेश्वर महतो का पक्ष सुना. उनकी ओर से आवेदन दायर कर गवाही बंद करने की घोषणा की गयी. इसके बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 19 दिसंबर की तिथि निर्धारित की.

ढुल्लू महतो और उनकी ओर से अन्य गवाहों की गवाही शुरू होगी. मामले में रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से पेश किये गये दस्तावेजों (नॉमिनेशन पेपर, वोटर अटेंडेंस रजिस्टर, बूथ नंबर 266 में पड़े वोट से संबंधित दस्तावेज) पर कोर्ट के समक्ष प्रदर्श अंकित किये गये. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी जलेश्वर महतो ने चुनाव याचिका दायर की है. उन्होंने प्रतिवादी विधायक ढुल्लू महतो के निर्वाचन को चुनाैती देते हुए रद्द करने की मांग की है. प्रार्थी ने कहा है कि नामांकन दाखिल करने के समय ढुल्लू महतो डिसक्वालिफाइड थे. उनको अलग-अलग धाराओं में सजा हुई थी, जो दो वर्ष से अधिक थी. इसके अलावा बूथ संख्या-266 पर मतदान के दाैरान 600-700 वोट पड़े थे, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने उसे जीरो दिखाया था.

Next Article

Exit mobile version