Jharkhand High Court News : हाइकोर्ट ने सरकार से भूमि सर्वे की स्टेटस रिपोर्ट मांगी

झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में वर्ष 1980 से शुरू किये गये भूमि सर्वे को पूरा करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को भूमि सर्वे को लेकर जवाब (स्टेटस रिपोर्ट) दायर करने का निर्देश दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 7, 2024 12:27 AM

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में वर्ष 1980 से शुरू किये गये भूमि सर्वे को पूरा करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को भूमि सर्वे को लेकर जवाब (स्टेटस रिपोर्ट) दायर करने का निर्देश दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई सात फरवरी 2025 को होगी.

राज्य सरकार ने जवाब दायर करने के लिए समय मांगा

राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रत्युष ने पक्ष रखा. पिछली सुनवाई में सरकार की ओर से बताया गया था कि राज्य में सर्वे का काम चल रहा है. लोहरदगा सहित कुछ जिले में सर्वे पूरा हो गया है. रांची में सर्वे पूरा नहीं हो पाया है. सभी जिलों में सर्वे पूरा करने में और छह माह लगेगा. इस पर कोर्ट ने तीन माह बाद सुनवाई की तिथि निर्धारित की थी.

समय सीमा तय करने का आग्रह

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गोकुल चंद ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने भूमि सर्वे के कार्य को पूरा करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि वर्ष 1932 में भूमि का सर्वे हुआ था. इसके बाद झारखंड में 1980 से भूमि सर्वे की प्रक्रिया शुरू हुई थी. भूमि सर्वे के कार्य के लिए समय सीमा तय करने का आग्रह किया, ताकि भूमि की प्रकृति व मालिकाना हक में हेराफेरी नहीं हो सके. सर्वे होने से झारखंड में भूमि का रिकॉर्ड अप-टू-डेट होगा. सरकारी व वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री पर रोक लग सकेगी.

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