केंद्र सरकार ने ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन की वर्ष 2020-21 की रिपोर्ट जारी की है. इसमें खुलासा हुआ है कि झारखंड स्थित उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात में कमी आ गयी है. इसके अनुसार, झारखंड में 2019-20 में सकल अनुपात 20.9 था, जो घटकर 2020-21 में 17 पर पहुंच गया है. वहीं देश का अनुपात 25.6 से बढ़ कर 27.3 हो गया है. झारखंड में औसत सकल अनुपात 17 में लड़कों का अनुपात 16.5 और लड़कियों का 17.5 है.
नामांकन में यूपी सहित छह राज्य सर्वश्रेष्ठ
रिपोर्ट के मुताबिक नामांकन की दृष्टि से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान सर्वश्रेष्ठ छह राज्य हैं. कॉलेजों में नामांकन में छात्रों का नामांकन अनुपात 16.5 है, जबकि छात्राओं का 17.5 है. कैटेगरी के आधार पर एससी का औसत अनुपात 13 और एसटी का अनुपात 12.4 है.
झारखंड में शिक्षकों की स्थिति पर चिंता जतायी
रिपोर्ट में शिक्षकों की स्थिति पर भी चिंता जतायी गयी है. झारखंड में 20 छात्र पर एक शिक्षक की जगह अभी 55 छात्र पर एक शिक्षक हैं. देश के आंकड़ों पर गौर करें, तो 24 छात्रों पर एक शिक्षक हैं. झारखंड में एक लाख की आबादी पर नौ कॉलेज हैं, जबकि देश में एक लाख की आबादी पर 31 कॉलेज हैं. फलस्वरूप कॉलेजों की कमी के कारण नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों की भीड़ झारखंड में ज्यादा है. झारखंड के कॉलेज में नामांकन 1761 है, जबकि देश में औसत नामांकन 646 हैं.
सबसे अधिक विवि राजस्थान में खुले
पूर्वोत्तर क्षेत्र में 191 नये उच्च शिक्षण संस्थान बढ़े हैं. सबसे अधिक विवि राजस्थान में खुले हैं. देश में कुल नामांकन 4.14 करोड़ दर्ज हुए हैं, जो कि वर्ष 2019-20 की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है. देश में इस बार 13 लाख ज्यादा लड़कियों ने नामांकन कराया है.