हिन्दी दिवस: हिन्दी के छात्रों को कहां-कहां मिल सकती है नौकरी? देश ही नहीं, विदेशों में भी है अच्छी डिमांड
हिन्दी से प्राथमिक शिक्षक से लेकर न सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर, बल्कि विश्वविद्यालय के कुलपति (वाइस चांसलर) तक बन सकते हैं. हिन्दी अधिकारी से लेकर राजभाषा अधिकारी समेत कई पदों पर नौकरी मिल सकती है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (2016) की रिपोर्ट के अनुसार हिन्दी विश्व की 10 शक्तिशाली भाषाओं में शामिल है.
रांची: आज (14 सितंबर) हिन्दी दिवस है. आप हिन्दी के विद्यार्थी हैं, तो यह जानकर काफी खुशी होगी कि रोजगार की दृष्टि से हिन्दी में काफी संभावनाएं हैं. देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफी डिमांड है. प्राथमिक शिक्षक से लेकर न सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर, बल्कि विश्वविद्यालय के कुलपति (वाइस चांसलर) तक बन सकते हैं. हिन्दी अधिकारी से लेकर राजभाषा अधिकारी समेत कई पदों पर नौकरी मिल सकती है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (2016) की रिपोर्ट के अनुसार हिन्दी विश्व की 10 शक्तिशाली भाषाओं में शामिल है. 2050 तक हिन्दी विश्व की सर्वाधिक शक्तिशाली भाषाओं की कतार में शामिल हो जाएगी. हिन्दी दिवस पर एक्सपर्ट से जानते हैं हिन्दी में रोजगार की संभावनाएं. रांची वीमेंस कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर (हिन्दी विभाग) डॉ किरण तिवारी, वीमेंस कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर (हिन्दी विभाग) डॉ कुमारी उर्वशी, गोस्सनर कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर (हिन्दी विभाग) डॉ प्रशांत गौरव एवं रामलखन सिंह यादव कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर (हिन्दी विभाग) डॉ पार्वती तिर्की से गुरुस्वरूप मिश्रा ने हिन्दी में रोजगार के अवसर पर बातचीत की है.
बैंक से लेकर विज्ञापन तक में है अवसर
रांची वीमेंस कॉलेज के हिन्दी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ किरण तिवारी कहती हैं कि हिन्दी में रोजगार के कई अवसर हैं. इस क्षेत्र में नौकरी की कमी नहीं है. आकाशवाणी से लेकर बैंक व विज्ञापन में काफी मौके हैं.
1. मानव संसाधन: आप मानव संसाधन विभाग में प्रशासनिक काम, नियुक्ति संबंधी कार्य या प्रशासनिक सहायक के पदों पर काम कर सकते हैं.
2. मीडिया और पत्रकारिता: हिन्दी मीडिया, टीवी चैनलों, रेडियो स्टेशनों और पत्रिकाओं में संवाददाता (रिपोर्टर), समाचार वाचक (न्यूज रीडर व एंकर), उपसंपादक, संपादक एवं लेखक के रूप में काम कर सकते हैं.
3. वित्तीय सेवाएं: आप वित्तीय क्षेत्र में बैंक, वित्तीय सलाहकार या निवेश सलाहकार के पदों पर काम कर सकते हैं.
4. विज्ञापन के क्षेत्र में रोजगार के कई अवसर हैं.
5. लेखन द्वारा किसी भी विषय से संबंधित आवश्यक जानकारी देना.
कंटेंट राइटिंग अलग-अलग प्रकार की हो सकती है जैसे-ब्लॉग लिखना, पॉडकास्ट के लिए स्क्रिप्ट लिखना, यूट्यूब के लिए लिखना, अखबार या पत्रिकाओं के लिए लेख लिखना आदि.
अनुवादक से लेकर बन सकते हैं पदाधिकारी
हिन्दी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ किरण तिवारी बताती हैं कि हिन्दी में अवसरों की कमी नहीं है. प्राइवेट से लेकर सरकारी नौकरी तक में हिन्दी से बहाली होती है.
6. सरकारी नौकरियां: सरकारी संगठनों में हिंदी भाषा के अनुवादक, क्लर्क या अन्य पदों पर भर्ती हो सकते हैं.
7. अनुवाद: हिंदी-अंग्रेजी अनुवादक के रूप में अनुवाद क्षेत्र में नौकरी पा सकते हैं.
8. साहित्य और कला: हिंदी कविता व कहानियां लिखकर, नाटक या कला के अन्य क्षेत्रों में काम कर सकते हैं.
9. रचनात्मक लेखन भी आजकल रोजगार का सशक्त माध्यम है.
फिल्म उद्योग में भी हैं मौके
रांची वीमेंस कॉलेज के हिन्दी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ कुमारी उर्वशी बताती हैं कि हिन्दी का अध्ययन करने वालों के बीच अध्यापन एक पारंपरिक करियर विकल्प के रूप में लोकप्रिय है. इसके अलावा रोजगार के कई अवसर हैं.
* बैंक, मीडिया, फिल्म उद्योग आदि क्षेत्रों में हिन्दी की उपयोगिता बढ़ रही है.
*हिन्दी के अनेक चैनल और पत्र-पत्रिकाएं हैं, जो योग्य उम्मीदवारों को मौका दे रहे हैं.
* समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, समाचार चैनलों आदि में रोजगार के अनेक अवसर मिलते हैं.
* फील्ड में रिपोर्टर, प्रेस फोटोग्राफर, संपादकीय विभाग में उपसंपादक, कॉपी राइटर, उद्घोषक के रूप में कार्य कर सकते हैं.
हिन्दी अध्यापक से लेकर बन सकते हैं अधिकारी भी
हिन्दी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ कुमारी उर्वशी की मानें, तो हिन्दी में अवसरों की कमी नहीं है. अध्यापक से लेकर अधिकारी तक की नौकरी अपनी प्रतिभा से पा सकते हैं.
* हिन्दी राजभाषा अधिकारी
* हिन्दी अध्यापन
* हिन्दी पत्रकारिता
* हिन्दी अनुवादक/दुभाषिया
* रेडियो जॉकी और समाचार वाचक
* हिन्दी में क्रिएटिव राइटिंग
* ट्रैवेल एजेंट, टूरिस्ट गाइड
बाजार को पता है हिन्दी की ताकत
रांची के गोस्सनर कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर (हिन्दी विभाग) डॉ प्रशांत गौरव कहते हैं कि हिन्दी भारत ही नहीं, बल्कि संपू्र्ण विश्व में संवाद, संपर्क और बाजार की भाषा के रूप में प्रयोग की जा रही है. बाजार को हिन्दी की ताकत का पता है. इसीलिए हिन्दी के अनुरूप योजनाएं तैयार की जाती हैं. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (2016) की रिपोर्ट के अनुसार हिन्दी विश्व की 10 शक्तिशाली भाषाओं में शामिल है. 2050 तक हिन्दी विश्व की सर्वाधिक शक्तिशाली भाषाओं की कतार में शामिल हो जाएगी. आपको बता दें कि विश्व के 165 देशों के विश्वविद्यालयों में हिन्दी की पढ़ाई हो रही है. हिन्दी में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं.
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देश ही नहीं, विदेशों में भी है काफी डिमांड
हिन्दी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रशांत गौरव कहते हैं कि हिन्दी की डिमांड देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है. प्राथमिक शिक्षक से लेकर प्रोफेसर समेत कई पद हैं.
1. शिक्षक के रूप में प्राथमिक शिक्षक, हाईस्कूल शिक्षक, प्लस टू स्कूल में शिक्षक, असिस्टेंट प्रोफेसर
2. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) एवं राज्य (प्रांतीय) लोक सेवा आयोग (पीसीएस) में हिन्दी को ऐच्छिक पत्र के रूप में लेकर महत्वपूर्ण सेवाओं में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं.
3. राजभाषा अधिकारी: सरकारी एवं निजी सेवाओं में राजभाषा अधिकारी की नियुक्ति होती है. जैसे रेलवे, एयरपोर्ट, बैंक, संसद, विधानसभा, सीसीएल, सीएमपीडीआई आदि में रोजगार के अवसर हैं.
4. अनुवादक: दो भाषाओं की जानकारी हो, तो अनुवादक के रूप में काम कर सकता है.
5. स्वतंत्र पत्रकार के रूप में कार्य कर सकते हैं और पत्रिकाएं भी निकाल सकते हैं.
6. क्रिएटिव राइटिंग: विज्ञापन, कविता, कहानियां, उपन्यास, नाटक, सिनेमा के लिए लेखन, गीतकार के रूप में मौके हैं. अंग्रेजी के लेखक भी हिन्दी में लेखन कर रहे हैं. फिल्म समीक्षक व पटकथा लेखक के रूप में मौके हैं.
7. ब्लॉग: ब्लॉगर के रूप में भी बड़ा अवसर है.
8. विदेशों में हिन्दी अध्यापन की काफी डिमांड है. ऑनलाइन भी काफी मांग है.
राजभाषा अधिकारी व हिन्दी अधिकारी के रूप में है मौका
रांची के कोकर स्थित रामलखन सिंह यादव कॉलेज में हिन्दी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ पार्वती तिर्की हिन्दी में रोजगार के अवसर पर कहती हैं कि 1949 में राजभाषा बनने के बाद केन्द्र और राज्य सरकार के कार्यालयों में हिन्दी को अनिवार्य करने पर कई पद सृजित किए गए. इनमें हिन्दी अधिकारी, अनुवादक एवं प्रबंधक समेत कई पद हैं, जहां रोजगार के अवसर हैं. केन्द्र सरकार के कार्यालयों में राजभाषा अधिकारी के रूप में भी नियुक्ति होती है. राष्ट्रपति भवन के कार्यालय में जूनियर राजभाषा अधिकारी की बहाली होती है.
विद्यालय, विश्वविद्यालय व कंपनियों में कई शानदार मौके
हिन्दी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ पार्वती तिर्की कहती हैं कि बैंकों में भी हिन्दी अधिकारी के रूप में कार्य करने के मौके हैं. विभिन्न कंपनियों जैसे गेल (GAIL India), Coal India कार्यालयों में हिन्दी अधिकारी की नियुक्ति हिन्दी के प्रचार-प्रसार को लेकर की जाती है. हिन्दी के रोजगार भाषा बनने से हिन्दी सिनेमा अनुवाद का भी अवसर है. जैसे pratilipi.com बहुभाषी कंपनी है. भाषाओं को जोड़ने का प्लेटफॉर्म है. यहां हिन्दी की कहानियां, प्रेमचंद की कहानियां संगृहीत हैं. इससे रोजगार की संभावना बढ़ी है. शिक्षा जगत में हिन्दी में रोजगार काफी हैं. शिक्षक, प्रोफेसर समेत कई पदों पर नियुक्ति होती है. बहुभाषी देश होने के कारण साहित्यिक पत्रिकाओं में हिन्दी अनुवादक की आवश्यकता होती है. पत्रकारिता जगत में भी हिन्दी में रोजगार उपलब्ध हैं. समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों में हिन्दी के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है. पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन 10-14 जनवरी 1975 को नागपुर (महाराष्ट्र) में हुआ था. तकनीक से हिन्दी को जोड़ने समेत कई उद्देश्यों को लेकर इसकी शुरुआत की गयी थी.
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