सहायक आचार्य पद के लिए हिंदी की परीक्षा आज से
प्रारंभिक विद्यालय सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता-2023 के तहत इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य (कक्षा एक से पांच) पद के लिए हिंदी विषय की परीक्षा 27 अप्रैल से शुरू होगी.
रांची (वरीय संवाददाता). प्रारंभिक विद्यालय सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता-2023 के तहत इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य (कक्षा एक से पांच) पद के लिए हिंदी विषय की परीक्षा 27 अप्रैल से शुरू होगी. हिंदी विषय की परीक्षा 30 अप्रैल तक चलेगी. उक्त परीक्षा में 26000 अभ्यर्थी शामिल होंगे. परीक्षा के सफल आयोजन के लिए जेएसएससी ने राज्य में 12 केंद्र बनाये हैं. इसमें रांची में पांच, जमशेदपुर में चार, बोकारो में एक तथा धनबाद में दो परीक्षा केंद्र शामिल हैं. उक्त संबंधित अभ्यर्थियों में से पेपर-दो अंतर्गत हिंदी विषय चयन करनेवाले गैर पारा अभ्यर्थियों के पेपर-दो और पेपर-तीन की परीक्षा दो मई और तीन मई को आयोजित की जायेगी. इसका प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के लिए लिंक 27 अप्रैल से आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा. आयोग द्वारा शेष पत्रों की परीक्षा को अगले आदेश तक स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है. उल्लेखनीय है कि उक्त प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में 26001 पदों पर सहायक आचार्यों की नियुक्ति की जायेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा : हमारी अनुमति के बिना सहायक आचार्य प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित नहीं होगी
रांची. झारखंड प्रारंभिक सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में सीटेट व पड़ोसी राज्य से टेट पास अभ्यर्थियों को शामिल करने के मामले में दायर एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. जस्टिस जेके महेश्वरी व जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने आइए याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद कहा कि परीक्षा पर रोक नहीं रहेगी, लेकिन हमारी अनुमति के बिना परीक्षा का रिजल्ट जारी नहीं किया जायेगा, क्योंकि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लंबित है, इसलिए मामले के लंबित रहने तक रिजल्ट प्रकाशित नहीं किया जाये. मामले की फाइनल सुनवाई जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में रखी गयी. प्रार्थी की अोर से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण व झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता अमुतांश वत्स ने पैरवी की. उनकी अोर से बताया गया कि मामले के लंबित रहने के बावजूद प्रतिवादी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने एक सप्ताह पहले परीक्षा का कार्यक्रम जारी कर दिया. हिंदी विषय की परीक्षा 27 अप्रैल से शुरू हो रही है. उस पर रोक लगाने का आग्रह किया गया. उल्लेखनीय है कि जेटेट पास अभ्यर्थी परिमल कुमार व अन्य 1600 प्रार्थियों की ओर से एसएलपी दायर की गयी है. उन्होंने झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए निरस्त करने की मांग की है. पिछली सुनवाई में उन्होंने बताया था कि झारखंड हाइकोर्ट ने दिसंबर 2023 में पीआइएल में आदेश पारित किया था. सीटेट उत्तीर्ण व पड़ोसी राज्यों से टेट पास करनेवाले झारखंड के स्थानीय निवासी अभ्यर्थियों को 26001 सहायक आचार्य की नियुक्ति के लिए संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया था. इस तरह का नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार झारखंड हाइकोर्ट के पास नहीं है. यह गलत है. झारखंड की क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा संथाली, खोरठा, नागपुरी, हो, कुड़माली आदि का ज्ञान जेटेट अभ्यर्थियों के पास है, क्योंकि उन्होंने इसकी परीक्षा दी है, लेकिन सीटेट अभ्यर्थियों के पास क्षेत्रीय भाषा के रूप में हिंदी या अंग्रेजी विषय का ही ज्ञान है. जब सीटेट पास शिक्षकों की नियुक्ति राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में होगी, तो उन्हें स्थानीय भाषा में बच्चों को शिक्षा देने में परेशानी होगी. यह शिक्षा के अधिकार अधिनियम का भी उल्लंघन होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है