होल्डिंग टैक्स में बदलाव फार्मूले का प्रस्ताव आज रखा जाएगा कैबिनेट बैठक में, जानें अभी क्या है नियम
होल्डिंग टैक्स का निर्धारित क्षेत्र के सर्किल रेट, सड़क की चाैड़ाई, भूमि की स्थिति और किये गये निर्माण पर होल्डिंग टैक्स तय किया जाता है. किसी भी भवन का होल्डिंग टैक्स उसकी कैपिटल वैल्यू पर आधारित होता है
राज्य के शहरों में होल्डिंग टैक्स तय करने के फारमूले में बदलाव का प्रस्ताव बुधवार को कैबिनेट की बैठक में रखा जायेगा. राज्य शहरी विकास प्राधिकार (सूडा) के निदेशक अमित कुमार की अध्यक्षता वाली आठ सदस्यीय कमेटी ने हाेल्डिंग टैक्स गणना की प्रक्रिया में संशाेधन करने का सुझाव दिया था. कमेटी ने प्रमंडलीय स्तर पर सर्किल रेट का औसत निकाल उसका 20 प्रतिशत अतिरिक्त जोड़ कर होल्डिंग टैक्स की अधिकतम दर निर्धारित करने की अनुशंसा की है.
हालांकि, कमेटी के सुझाव पर पर तैयार किये गये संशोधन प्रस्ताव में होल्डिंग टैक्स की निर्धारित दरों में बदलाव की कोई बात नहीं की गयी है. टैक्स गणना के फारमूले में बदलाव से उन शहरियों को राहत मिलेगी, जिनका होल्डिंग टैक्स बेतहाशा बढ़ गया है.
अभी क्या है नियम :
होल्डिंग टैक्स का निर्धारित क्षेत्र के सर्किल रेट, सड़क की चाैड़ाई, भूमि की स्थिति और किये गये निर्माण पर होल्डिंग टैक्स तय किया जाता है. किसी भी भवन का होल्डिंग टैक्स उसकी कैपिटल वैल्यू पर आधारित होता है. बिल्डअप एरिया को सर्किल रेट से गुना करने पर कैपिटल वैल्यू निकलता है. आवासीय भवनों पर कैपिटल वैल्यू का 0.075 प्रतिशत और व्यावसायिक भवनों पर 0.15 प्रतिशत होल्डिंग टैक्स लगता है.
क्या होगा बदलाव :
होल्डिंग टैक्स के लिए सर्किल रेट का निर्धारण प्रमंडल स्तर पर किया जाये. एक प्रमंडल के सभी जिलों के सर्किल रेट का औसत निकाला जायेगा. औसत का अतिरिक्त 20% जोड़ कर टैक्स की अधिकतम दर तय कर दी जाये. जिन निकायों का टैक्स तय दर से अधिक होगा, उनका टैक्स कम कर अधिकतम निर्धारित दर के अनुरूप किया जायेगा. लेकिन, कम होगा, वहां बदलाव नहीं किया जायेगा.