झारखंड में होल्डिंग टैक्स के बड़े बकायेदारों पर कार्रवाई शुरू, नौ भवन होंगे सील
धारा 184 के तहत जारी आदेश में उपनगर आयुक्त ने कहा है कि इसके तहत निगम पैसे की वसूली के लिए बॉडी वारंट निर्गत करायेगा. बिना ट्रेड लाइसेंस के शहर में व्यापार कर रहे प्रतिष्ठानों को भी रांची नगर निगम सील करेगा.
होल्डिंग टैक्स के बड़े बकायेदारों पर रांची नगर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है. बार-बार की नोटिस के बाद भी टैक्स का भुगतान नहीं करनेवाले ऐसे नौ भवन मालिकों के भवनों को निगम सील करेगा. संबंधित भवन मालिक के बैंक खाते को भी रांची नगर निगम फ्रीज करेगा. इसे लेकर बुधवार को निगम के उपनगर आयुक्त रजनीश कुमार ने आदेश जारी किया है. उन्होंने जारी आदेश में कहा है कि बार-बार की नोटिस के बाद भी टैक्स का भुगतान नहीं किये जाने के कारण अब रांची नगर निगम नगरपालिका अधिनियम के धारा 184(1) के तहत कार्रवाई करेगा.
बॉडी वारंट निर्गत करने से लेकर संपत्ति को नीलाम करने का अधिकार निगम को : धारा 184 के तहत जारी आदेश में उपनगर आयुक्त ने कहा है कि इसके तहत निगम पैसे की वसूली के लिए बॉडी वारंट निर्गत करायेगा. साथ ही जो संपत्ति सील करके जब्त की जायेगी, उसे निगम नीलाम भी कर सकता है.
17 प्रतिष्ठानों को निगम की अंतिम नोटिस :
बिना ट्रेड लाइसेंस के शहर में व्यापार कर रहे प्रतिष्ठानों को भी रांची नगर निगम सील करेगा. इस संबंध में निगम ने बुधवार को 17 दुकानदारों के नाम पर अंतिम नोटिस जारी की. जारी नोटिस में सभी दुकानदारों से कहा गया है कि वह एक सप्ताह में ट्रेड लाइसेंस ले लें. अन्यथा नगर निगम ऐसे प्रतिष्ठानों को सील करने की कार्रवाई शुरू करेगा. जिन प्रतिष्ठानों को अंतिम नोटिस जारी की गयी है, उनमें मारुति कैंटिन, गणपति इलेक्ट्रिकल, मातादीन वन व टू, मेवा मरमेंट, मेडिवेल अस्पताल, इंद्रप्रस्थ फ्यूल, गोकूल स्वीट, जूस सेंटर, मणपुरम फाइनेंस लीमिटेड, बाबा साईं फेब्रीकेशन, कमल शु हाउस, न्यू बुक सेंटर, साइबर होम, जेरोक्स प्वाइंट, बिरयानी एंड तंदूरी अड्डा व प्रेमन लॉज शामिल हैं.
होल्डिंग टैक्स बढ़ाने पर सरकार से मांगा जवाब
झारखंड हाइकोर्ट ने होल्डिंग टैक्स बढ़ाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने सरकार के अधिवक्ता को सर्किल रेट के आधार पर होल्डिंग टैक्स में की गयी वृद्धि पर इंस्ट्रक्शन लेकर कोर्ट को अवगत कराने को कहा.
अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने चार जनवरी की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि सर्किल रेट के आधार पर होल्डिंग टैक्स में काफी वृद्धि की गयी है. इससे लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गौरव बागराय ने याचिका दायर की है. उन्होंने होल्डिंग टैक्स में की गयी बढ़ोतरी को चुनौती दी है.