Happy Holi 2021, Jharkhand News, रांची न्यूज : होली का उल्लास कोरोना संकट पर भारी पड़ रहा है. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लगातार एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है. हालांकि इस संकट के साथ अब लोगों ने जीना सीख लिया है. होली का रंग फीका न पड़ जाये, इसके लिए राजधानीवासियों ने त्योहार मनाने का अपना-अपना तरीका भी तलाश लिया है़ डायरेक्ट कांटैक्ट न हो, इसके लिए पिचकारी में रंग भरे जा रहे हैं, तो कहीं डिजिटल होली से एक-दूसरे को शुभकामनाएं बांटने की तैयारी है. इतना ही नहीं घर में ही स्विमिंग पूल में रंग घोलने की तैयारी की जा रही है. दूसरी तरफ मंदिरों और मोहल्ले-टोले में फगुआ धुन पर जमकर जोगीरा गाया जा रहा है. कोरोना काल में नया उत्सवी रंग दिख रहा है.
होली में एक-दूसरे को गुलाल लगाकर पर्व की खुशियां बांटने की जगह अब डिजिटल मंच पर होली मनायी जा रही है. महिलाएं एक-दूसरे के बीच पकवान की रेसिपी भी बांट रही हैं. कोई हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग दे रहा है़ फगुआ गीत और होली सामुदायिक भवन से निकलकर ऑनलाइन कार्यक्रमों में सिमट गयी है. कोरोना काल में होली मिलन समारोह अब ऑनलाइन मंच पर आ चुका है़ हास्य एवं कव्य सम्मेलन के दौरान यादों की होली जिक्र हो रही है़ फगुआ होली गीतों की प्रस्तुति जूम मीटिंग व गूगल मीट पर की जा रही है. सृजन संसार और साहित्योदय की ओर से कोरोना काल में फागोत्सव चल रहा है. फाग का रंग होली के उत्सव को नये ट्रेंड में बदल चुका है.
लोकगायक सदानंद सिंह यादव कहते हैं कि फगुआ धुन से जोगीरा में उत्साह आता है. राधाकृष्ण की रासलीला और प्रेम लीला के गीत रंगोत्सव में सौहार्द्र भरते हैं. कोरोना के बीच इस बार कई आयोजन नहीं हो रहे. दूसरी ओर साहित्योदय मंच फेसबुक पर रंग गीतों की प्रस्तुति कर रहा है. गायक मनोज कुमार कहते हैं कि फागुन का महीना फाग की फुहार देता है. फगुआ गीत गाने के लिए मंदिर व मोहल्ले टोले में समूह का जुटान होने लगा है. मंडली तैयार कर बनारस यादव, भोला पाउत, इंद्रजीत यादव, संजय साहू, मनीष कुमार, सर्वेश जायसवाल, धनंजय सिंह, संदीप आदि जोगीरा में झूम रहे हैं.
कोरोना के बीच बच्चों की रंगीन टोली इस बार घर पर रंगीन बोड़ी तैयार करने में जुटी है. इसमें उनके अभिभावक भी साथ दे रहे हैं. बच्चों के लिए बाजार से प्लास्टिक का आर्टिफिशियल स्विमिंग पूल खरीदा जा रहा है. इसमें ही कम बच्चों के साथ रंग घोलने और होली के उत्सव में रंग भरने की कोशिश की जायेगी. इसके अलावा बाजार से वाटर बैलून और बकेट गन पिचकारी भी विशेष तौर पर खरीदी जा रही है.
Posted By : Guru Swarup Mishra