झारखंड के लोग होली में गटक लिये 70 करोड़ की शराब, राजधानीवासी सबसे अधिक शौकीन
रांची में छह मार्च को 4.12 करोड़ एवं सात मार्च को 7.73 करोड़ की शराब की बिक्री हुई. इसके बाद धनबाद, हजारीबाग में सबसे अधिक बिक्री हुई है. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा मार्च में 350 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री का लक्ष्य रखा गया
झारखंड में एक से सात मार्च तक लगभग 139 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई है. इसमें एक से पांच मार्च तक 69 करोड़ व छह एवं सात मार्च को 70 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई है. एक सप्ताह के अंदर जितनी शराब की खपत हुई, इसमें दो दिन में भी आधी शराब बिकी है. छह मार्च को 26 करोड़ व सात मार्च को 44 करोड़ की शराब की बिक्री हुई. होली के मौके पर दो दिनों में 70 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई है. इसमें सबसे अधिक लगभग 12 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री रांची में हुई है.
रांची में छह मार्च को 4.12 करोड़ एवं सात मार्च को 7.73 करोड़ की शराब की बिक्री हुई. इसके बाद धनबाद, हजारीबाग में सबसे अधिक बिक्री हुई है. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा मार्च में 350 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है. आठ दिन में 139 करोड़ की शराब की बिक्री हो गयी है. ऐसे में मार्च में वर्तमान में वित्तीय वर्ष में रिकार्ड शराब की बिक्री हो सकती है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक सबसे अधिक 317 करोड़ की शराब की बिक्री जनवरी में हुई थी.
संघ ने कहा : 3500 करोड़ का देंगे राजस्व
झारखंड शराब व्यापारी संघ ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह व राजस्व पर्षद के सदस्य एपी सिंह को ज्ञापन सौंपा है. संघ के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने बताया कि संघ वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3500 करोड़ का राजस्व देने को तैयार है. इसके लिए उत्पाद नीति में बदलाव का आग्रह किया है. संघ ने शराब की बिक्री को लेकर कुछ सुझाव भी दिये हैं. इसके तहत राज्य में बाहर से आयातित शराब गैर डिसलरी अनुज्ञप्तिधारी शराब आपूर्ति की अनुज्ञप्ति नहीं देने.
पांच फीसदी पेनाल्टी को घटा कर आधा करने, खुदरा दुकानों की बंदोबस्ती कम से कम पांच साल के लिए करने, राज्य में शराब की एमआरपी पड़ोसी राज्य से अधिक नहीं हो इसके अलावा अन्य शराब बिक्री को लेकर अन्य बिंदुओं पर भी सुझाव दिया गया है.संघ ने कहा है कि कोविड के बाद भी राज्य के शराब कारोबारियों ने वर्ष 2020-21 में 1800 करोड़ का राजस्व दिया था.