प्रणव, रांची़ बिहार के लखीसराय जिला के रामपुर का रहनेवाला शख्स कृष्ण मोहन कुमार एक साथ धनबाद व रांची में होमगार्ड जवान के रूप में ड्यूटी कर रहा था. इसके एवज में उसे सरकारी राशि का भुगतान भी किया जाता था. इस मामले में अमित कुमार शर्मा नामक व्यक्ति की सीएमओ में हुई शिकायत के बाद हुई विभागीय जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इसके बाद कृष्ण मोहन कुमार को हिरासत में लेकर धुर्वा स्थित होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर में रखकर पूछताछ की गयी. फिर 24 घंटे बाद उसे छोड़ दिया गया. कमांडेंट ने उसे ड्यूटी से विरमित कर दिया है. साथ ही उसे शो-कॉज करते हुए दो दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है. उसके बाद विभाग की ओर से आगे की कार्रवाई की जायेगी. अब तक धनबाद व रांची में हुई जांच में यह बात सामने आयी है कि कृष्ण मोहन कुमार झारखंड के किसी जिले का स्थानीय निवासी नहीं है. वह गलत दस्तावेजों के आधार पर वर्ष 2009 में धनबाद होमगार्ड में नामांकित हुआ. वहीं 30 मई 2011 को रांची होमगार्ड में भी नामांकित हो गया. सूत्र बताते हैं कि 15 दिन रांची में और 15 दिन धनबाद में ड्यूटी करता था. इसके एवज में उसे हर माह मानदेय दोनों जिला से प्राप्त होता था. धनबाद जिले में उसका होमगार्ड सैन्य संख्या 2330 व रांची जिला में होमगार्ड संख्या 3518 बताया जाता है. होमगार्ड नियमावली में प्रावधान है कि जो जिस जिला का निवासी रहता है, वह उस जिला में शहरी होमगार्ड में ही नामांकित हो सकता है. जबकि इस मामले में मजेदार बात यह है कि वह न तो धनबाद जिला का रहने वाला है और न ही रांची जिले का. बावजूद वह व्यक्ति धनबाद व रांची जिला से आवासीय प्रमाण पत्र बनवाकर होमगार्ड में बहाल हो गया. इससे पहले भी इस तरह का मामला प्रभात खबर ने पूर्व में उजागर किया था. हालांकि मामले में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले और बहाल करने वाले जवाबदेह अफसरों पर कार्रवाई की बात सामने नहीं आयी. फर्जीवाड़े के खिलाफ विभाग दोषियों पर नहीं करता कार्रवाई : झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव राजीव तिवारी ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है. इस फर्जीवाड़े की आवाज काफी लंबे समय से झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि मुखर्जी और मैं उठाता रहा हूं. लेकिन होमगार्ड विभाग द्वारा दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय जो विभाग में व्याप्त फर्जीवाड़े एवं गड़बड़ी के विरुद्ध आवाज उठाता है, उसी के खिलाफ मुख्यालय द्वारा कार्रवाई की जाती है.
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