झारखंड के संताल आदिवासियों के शहद को राष्ट्रीय बाजार
रांची : पाकुड़ के संताल आदिवासियों द्वारा उत्पादित शहद को अब केंद्र सरकार बेचेगी. इससे शहद को राष्ट्रीय बाजार मिलेगा और इसका लाभ शहद उत्पादक संताल आदिवासियों को मिलेगा. केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने पाकुड़ हनी ब्रांड को लॉन्च करते हुए ये बातें कहीं.
रांची : पाकुड़ के संताल आदिवासियों द्वारा उत्पादित शहद को अब केंद्र सरकार बेचेगी. इससे शहद को राष्ट्रीय बाजार मिलेगा और इसका लाभ शहद उत्पादक संताल आदिवासियों को मिलेगा. केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने पाकुड़ हनी ब्रांड को लॉन्च करते हुए ये बातें कहीं.
जनजातीय कार्य मंत्रालय की संस्था ट्राइफेड इसकी मार्केटिंग करेगी. अपने शोरूम और ऑनलाइन बाजार उपलब्ध करायेगी. पाकुड़ हनी को लॉन्च करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा कि पाकुड़ में शहद का संग्रह स्थानीय युवाओं द्वारा किया जा रहा है. इसके बाद प्रोसेस कर उसकी पैकिंग की जा रही है. राष्ट्रीय बाजार मिलने से संताल आदिवासियों द्वारा उत्पादित शहद की बिक्री बढ़ेगी. इससे ये आर्थिक रूप से मजबूत होंगे.
The tribal Santhal community of Pakur District, Jharkhand brings Pakur Honey, pure Multiflora Honey, which is a superfood & is 100% natural made from pollen and nectar collected by bees. Shop on https://t.co/ehwxOijxGi. pic.twitter.com/AyA4YBm1qz
— TRIBES INDIA (@tribesindia) October 2, 2020
अर्जुन मुंडा ने कहा कि ट्राइब्स इंडिया मार्केट प्लेस सभी आदिवासी उत्पादकों के लिए उपलब्ध है. चाहे आदिवासियों के लिए 60 प्रतिशत की न्यूनतम हिस्सेदारी वाले आदिवासी कारीगर हों या स्वयं सहायता समूह चलाने वाले संगठन. ई-मार्केट प्लेस में सभी जनजातीय रजिस्ट्रार अपने राज्य में संबंधित प्राधिकृत प्राधिकारी द्वारा जारी अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र अपलोड करेंगे. गैर आदिवासिय़ों को इस पर दर्ज नहीं किया जायेगा.
ट्राइफेड आदिवासी विक्रेताओं के समक्ष विभिन्न व्यावसायिक मॉडल पेश कर रहा है. यह उत्पादों की कैट लॉगिंग और सूचीबद्ध करने, उत्पादों की फोटोग्राफी और सामग्री लेखन, गोदाम प्रबंधन, पैकेजिंग सुविधाओं, पूर्ति केंद्रों और रसद सेवाओं आदि के साथ-साथ प्लेटफॉर्म में सेलर्स के लिए प्रचार उपकरण प्रदान करता है.
Posted By : Guru Swarup Mishra