हॉर्स ट्रेडिंग मामले में अनुसंधान पर झारखंड हाइकोर्ट का रोक लगाने से इनकार, आरोपी अनुराग गुप्ता को दी गयी बड़ा राहत

मामले में जांच जारी रहेगी. हालांकि अदालत ने प्रार्थी को अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर 11 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी. अदालत ने आइए याचिका पर राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई अब 11 अगस्त को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा व अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि इस मामले में अनुराग गुप्ता निर्दोष हैं. उन पर लगा आरोप बेबुनियाद है. पुलिस के पास आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 19, 2021 8:01 AM

Anurag Gupta Horse Trading Cases रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने राज्यसभा चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामले में आरोपी सीआइडी के पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता की ओर से दायर क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई की. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी और राज्य सरकार की दलीलों को सुना. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने हॉर्स ट्रेडिंग मामले के अनुसंधान व निचली अदालत की प्रोसिडिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

मामले में जांच जारी रहेगी. हालांकि अदालत ने प्रार्थी को अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर 11 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी. अदालत ने आइए याचिका पर राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई अब 11 अगस्त को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा व अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि इस मामले में अनुराग गुप्ता निर्दोष हैं. उन पर लगा आरोप बेबुनियाद है. पुलिस के पास आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है.

सीआरपीसी के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है. उनके खिलाफ पीसी एक्ट का कोई मामला नहीं बनता है. इसके बावजूद पीसी एक्ट लगाने का आवेदन दिया गया. प्रार्थी की ओर से मामले का अनुसंधान व निचली अदालत की प्रोसिडिंग पर रोक लगाने का आग्रह किया गया. वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व अधिवक्ता मनोज कुमार ने प्रार्थी की दलील का विरोध करते हुए कहा कि प्रार्थी को जमानत मिली हुई है, इसलिए उनकी गिरफ्तारी की बात बेमानी है.

अनुसंधानकर्ता को जांच में पर्याप्त सबूत मिला है. इसके बाद अनुसंधानकर्ता ने निचली अदालत में पीसी एक्ट लगाने का आवेदन दिया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सीआइडी के पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता ने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की है. साथ ही आइए याचिका दायर कर पीसी एक्ट लगाने की कार्यवाही को चुनौती दी है.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version