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झारखंड में Horticulture को मिलेगा बढ़ावा, कृषि मंत्री बोले- ग्रामीण हाट बाजार को ऑर्गनाइज करने की जरूरत

झारखंड राज्य हॉर्टिकल्चर प्रमोशन सोसाइटी की पहली जनरल मीटिंग में कई बिंदुओं पर हुई चर्चा. इस दौरान हॉर्टिकल्चर को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया, वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने ग्रामीण हाट बाजार को ऑर्गनाइज करने की जरूरत पर विशेष बल दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2022 7:28 AM

Jharkhand News: झारखंड में हॉर्टिकल्चर (Horticulture) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हाल में गठित झारखंड राज्य हॉर्टिकल्चर प्रमोशन सोसाइटी (Jharkhand State Horticulture Promotion Society) की प्रथम जनरल मीटिंग रांची के नेपाल हाउस के सभागार में हुई. बैठक में राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने ग्रामीण हाट बाजार को ऑर्गनाइज करने की जरूरत पर जोर दिया.

ग्रामीण हाट बाजार को पहचान दिलाने की कोशिश

कृषि मंत्री श्री बादल ने कहा कि ग्रामीण हाट बाजार में अगर लाइट की व्यवस्था हो जाती है, तो सब्जी विक्रेताओं को इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि हाट बाजार को एक सोसाइटी बनाने की जरूरत है, ताकि उसकी एक पहचान कायम हो सके.

राज्य में हॉर्टिकल्चर की अपार संभावनाएं

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विकास विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि राज्य में हॉर्टिकल्चर की अपार संभावनाएं हैं. राज्य के क्लाइमेट के अनुरूप जीरो क्लाइमेट जोन तैयार कर क्षेत्र विशेष में खेती पर ध्यान देने की जरूरत है, जिससे हम किसान को और ज्यादा लाभ दे सकें.

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बैठक में चार एजेंडे पर हुई चर्चा

बैठक में झारखंड हॉर्टिकल्चर प्रमोशन सोसाइटी के क्रियाकलापों को लेकर मुख्य रूप से चार एजेंडे पर चर्चा हुई. कृषि निदेशक निशा उरांव ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन के क्रियान्वयन के लिए रूल्स एंड रेग्यूलेशन, एग्जीक्यूटिव कमेटी और रजिस्ट्रेशन ऑफ सोसाइटी के प्रारूप को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य हॉर्टिकल्चर प्रमोशन सोसाइटी का उद्देश्य हॉर्टिकल्चर का विकास है. हॉर्टिकल्चर की प्रोडक्टिविटी और प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सोसाइटी ग्रास रूट लेवल पर किसानों को सक्रिय करेगी.

किसानों के बीच वैज्ञानिक पद्धति का होगा प्रचार प्रसार

कृषि निदेशक ने कहा कि किसानों के बीच वैज्ञानिक पद्धति का प्रचार प्रसार किया जाएगा एवं बाजार तक पहुंच का भी सहयोग किसानों को दिया जाएगा. सोसाइटी के माध्यम से राज्य और केंद्र की योजनाओं को संचालित भी किया जा सकता है. इसके लिए सोसाइटी को वर्तमान में पांच करोड़ रुपए की राशि फंड के रूप में दी गई है, जो उद्यान निदेशालय के अधीनस्थ है.

कृषि मंत्री सोसाइटी की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष

सोसाइटी की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष कृषि मंत्री एवं उपाध्यक्ष कृषि विभाग के सचिव/ प्रधान सचिव होंगे. इसके अलावा नाबार्ड, आईसीएआर, बीएयू आदि संस्थाओं से भी प्रतिनिधि सदस्य के रूप में होंगे. बैठक में ICAR, BAU एवं अन्य संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिए. बैठक में तय किया गया कि सोसाइटी का बाइलॉज एक ड्राफ्ट कमेटी तैयार करेगी, जिसमें डिप्टी सीईओ GSHPS, उपनिदेशक हॉर्टिकल्चर, रांची नामित सदस्य होंगे. वहीं, कमेटी में कृषि निदेशालय और वित्त विभाग के प्रतिनिधि सहित चेयरमैन हॉर्टिकल्चर बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सदस्य शामिल होंगे. कमेटी एक माह के भीतर बाइलॉज तैयार करेगी.

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बैठक में ये रहें शामिल

बैठक में बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से डॉक्टर सन्याल, आईसीएआर पलांडू से डॉ एके सिंह, डॉ विशाल नाथ पांडे एवं प्रगतिशील महिला किसान उषा रानी सांगा और वनोपज फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, हजारीबाग की प्रतिनिधि पुष्पा कुशवाहा उपस्थित थीं.

Posted By: Samir Ranjan.

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