झारखंड के सभी अस्पतालों में लागू होगा हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सिस्टम, जानें क्या होगा इसका फायदा

अब झारखंड के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को निजी हॉस्टपटल की तर्ज पर हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सिस्टम लागू किया जाएगा. इसकी तैयारी रांची के सदर अस्पताल में शुरू हो चुकी है. जिसके बाद सभी मरीजों का डेटा सुरक्षित रह जाएगा

By Prabhat Khabar News Desk | February 15, 2022 10:39 AM

रांची : सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को निजी अस्पतालों की तर्ज हाइटेक बनाया जा रहा है. इसके तहत रांची सदर अस्पताल में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सिस्टम (अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली) लागू करने की तैयारी चल रही है. आंशिक रूप से इसे लागू भी कर दिया गया है. यह ऐसी व्यवस्था है, जिसमें अस्पताल में आनेवाले हर मरीज का इएचआर (इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड) और इएमआर (इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड) अगले नौ सालों तक अस्पताल के सर्वर में सहेज कर रखा जायेगा. इससे मरीज, उनके परिजन और डॉक्टरों को इलाज में सहूलियत होगी.

दरअसल, केंद्र सरकार ने ‘ई-हॉस्पिटल प्रणाली’ विकसित की है. इसके तहत सभी राज्यों को हेल्थ सब सेंटर व कल्याण विभाग द्वारा संचालित मेसो अस्पतालों को छोड़कर सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सिस्टम विकसित करना है.

पहले चरण में जिला अस्पताल और अनुमंडल अस्पतालों में, जबकि दूसरे चरण में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह प्रणाली स्थापित की जायेगी. वहीं, तीसरे चरण में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ई-हॉस्पिटल प्रणाली में स्थापित की जायेगी. फिलहाल, रांची सदर अस्पताल में इस व्यवस्था को स्थापित करने का काम तेजी से चल रहा है.

नयी बिल्डिंग में बनाया गया है ‘डिजिटल रिकॉर्ड रूम’ :

ई-हॉस्पिटल प्रणाली के पूरी तरह से लागू होने के बाद सदर अस्पताल में इलाज के लिए आनेवाले प्रत्येक मरीज की पूरी जानकारी और मेडिकल रिकॉर्ड डिजिटल फॉर्म में सर्वर में अगले नौ साल के लिए संग्रहित रहेगा. इससे उसके इलाज में डॉक्टरों और परिजन को काफी सुविधा होगी. इसके लिए अस्पताल के मेडिकल रिकॉर्ड डिपार्टमेंट (एमआरडी) के तहत नयी बिल्डिंग के दूसरे तल पर आयुष्मान भारत के सामने ही डिजिटल रिकॉर्ड रूम भी बनाया गया है.

केंद्र सरकार की ‘ई-हॉस्पिटल प्रणाली’ को अपने सरकारी अस्पतालों में लागू कर रहे राज्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को निजी अस्पतालों की तर्ज बनाया जा रहा हाइटेक

मेडिकल रिकॉर्ड के रूप में जुटायी जायेंगी ये जानकारियां

मरीज के मेडिकल रिकॉर्ड के रूप में उसका नाम, पता और मोबाइल नंबर आदि के अलावा ओपीडी में रजिस्ट्रेशन व डॉक्टर से परामर्श लेने की तिथि का उल्लेख होगा. इसके अलावा इमरजेंसी एडमिशन, डिस्चार्ज एवं ट्रांसफर, बिलिंग, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, ओटी मैनेजमेंट, फार्मेसी मैनेजमेंट, इएमआर (इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड), केयर प्रोविजन, स्टोर, मरीज का भोजन, लाउंड्री सर्विसेज और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को भी इसमें शामिल किया गया है.

Posted By: Sameer Oraon

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