राज्य के विश्वविद्यालयों में संविदा पर कब तक शिक्षक व कर्मचारी रखे जायेंगे : हाइकोर्ट
झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों व कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व प्रतिवादियों का पक्ष सुना.
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों व कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व प्रतिवादियों का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने माैखिक रूप से राज्य सरकार से जानना चाहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में संविदा पर कब तक शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को रखा जायेगा. बार-बार संविदा पर ही नियुक्ति क्यों हो रही है. नियमित नियुक्ति कब होगी. खंडपीठ ने राज्य सरकार को अद्यतन जानकारी देने को कहा. वहीं झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) से पूछा कि रांची विश्वविद्यालय से प्राप्त नियुक्ति की अधियाचना पर क्या कार्रवाई की गयी है. अगली सुनवाई के पूर्व जानकारी देने का निर्देश दिया गया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने दो मई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि विश्वविद्यालयों में संविदा पर शिक्षक व कर्मचारी बहाल किये जाते हैं. नियमित नियुक्ति नहीं की जा रही है. वहीं जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता अभय प्रकाश ने बताया कि रांची विश्वविद्यालय से नियुक्ति की अधियाचना मिली है. उस पर आगे की कार्रवाई चल रही है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अनिकेत ओहदार व अन्य की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है.