वरीय संवाददाता, रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2016 को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने प्रार्थियों का पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. अदालत ने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पद पर कितने अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गयी है. विषयवार सूची दी जाये. उनका कट ऑफ मार्क्स क्या था. सरकार व जेएसएससी को चार्ट के माध्यम से राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के आधार पर विषयवार व कोटिवार कट ऑफ मार्क्स प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. अदालत ने प्रार्थियों से भी कहा कि वह अपना मार्क्स व कट ऑफ मार्क्स के बारे में जानकारी पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 24 अक्तूबर को होगी. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अधिवक्ता अमृतांश वत्स, अधिवक्ता चंचल जैन आदि ने पैरवी की. उनकी ओर से बताया गया कि जेएसएससी ने पहले जो कट ऑफ मार्क्स बताया था, उससे उन्हें अधिक अंक मिला है. इसके बावजूद उनकी नियुक्ति की अनुशंसा आयोग ने नहीं की है. उनसे कम अंकवाले का चयन कर लिया गया है. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पक्ष रखा. जेएसएससी की ओर से बताया गया कि 26 विषयों का स्टेट मेरिट लिस्ट पांच सितंबर को आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मीना कुमारी, नंदलाल ठाकुर, मोनिका केरकेट्टा व व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर की गयी है. कहा गया हैै कि जेएसएससी ने वर्ष 2016 में 26 विषयों में राज्य के हाइस्कूलों में 17,572 पदों पर स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी. वर्ष 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने जिला मेरिट के बदले स्टेट मेरिट लिस्ट के आधार पर शेष रिक्त सभी पदों पर नियुक्ति करने का आदेश दिया था.
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