Lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है. इसके साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लागू हो चुकी है. अब राजनीतिक दलों पर निर्वाचन आयोग की पैनी नजर है. चुनाव के मौसम में पैसों के लेन-देन का पूरा हिसाब राजनीतिक दलों को निर्वाचन आयोग को देना होता है.
आचार संहिता लागू होने के बाद कितना कैश रख सकते हैं?
ऐसे में सवाल उठता है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने साथ अधिकतम कितने पैसे लेकर चल सकता है. झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) के साथ खास बातचीत में इसका जवाब दिया.
50 हजार रुपए से कम ले जा सकते हैं अपने साथ
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) झारखंड के रवि कुमार ने बताया कि आप अधिकतम 50 हजार रुपए से कम अपने साथ लेकर जा सकते हैं. इससे अधिक रकम भी आप अपने साथ ले जा सकते हैं, लेकिन अगर आपसे इसके बारे में जानकारी मांगी जाएगी, तो आपको बताना होगा.
50 हजार से 10 लाख रुपए तक का है ये प्रावधान
उन्होंने कहा कि अगर आप 50 हजार रुपए से 10 लाख रुपए तक लेकर जा रहे हैं, तो आपसे इलेक्शन मशीनरी से जुड़े लोग सवाल पूछेंगे. आप 10 लाख से अधिक भी ले जा सकते हैं, लेकिन उसके बारे में पूरा ब्योरा आपको इलेक्शन कार्य से जुड़े पदाधिकारियों को देना होगा, अगर वे आपसे मांगते हैं.
…तो जब्त किया जा सकता है आपका पैसा
उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी आपके जवाब से संतुष्ट हो जाते हैं, तो आपको जाने दिया जाएगा. अगर आप अपने जवाब से अधिकारी को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं, तो आपका पैसा जब्त किया जा सकता है. पैसे लेकर जा रहे व्यक्ति को इस बात की जानकारी देनी होती है कि इस पैसे का इस्तेमाल चुनावी कार्य के लिए होने वाला है या किसी और काम के लिए.
चुनाव से जुड़े पदाधिकारियों को देना होगा जवाब
अगर आपके पैसे का इस्तेमाल चुनाव कार्य के लिए होने वाला है, तो आपको चुनावी मशीनरी से जुड़े अफसरों के सवालों के जवाब देने होंगे. अगर आपका जवाब संतोषप्रद होगा, तो वे आपको नहीं रोकेंगे. अगर उन्हें कुछ संशय होगा, तो वे आपको रोक भी सकते हैं.
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धुर्वा में प्रेस प्रतिनिधियों के लिए कार्यशाला
सीईओ झारखंड के रवि कुमार ने धुर्वा स्थित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मंत्रिमंडल (निर्वाचन) विभाग के कार्यालय में प्रेस के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित कार्यशाला के बाद प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत में ये बातें कहीं. बता दें कि झारखंड में अंतिम चार चरणों में लोकसभा के चुनाव होने हैं. इससे पहले राजनीतिक दलों और राज्य के पत्रकारों के साथ चुनाव पदाधिकारियों ने इस बात पर चर्चा की कि चुनाव के दौरान पत्रकारों को किन-किन बातों का ध्यान रखना है.