मानव तस्कर कविता मंडल ने पहले हजारीबाग के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र की एक नाबालिग को उसके घर से अगवा किया. फिर मां बनकर राजस्थान के अधेड़ से उसकी शादी करा दी. सालभर बाद नाबालिग के जरिये उसने लाखों की चोरी करायी और अपने पास बुलवा लिया. बाद में नाबालिग की शादी राजस्थान के दूसरे अधेड़ से करा दी, जिससे उसे एक बच्चा भी है.
सोमवार को हजारीबाग न्यायालय के एडीजे-6 एम काशिका प्रसाद ने उक्त मामले की सुनवाई करते हुए कविता मंडल और उसके सहयोगी भोला प्रसाद मंडल उर्फ नानू को दोषी ठहराया. कोर्ट के आदेश से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दोनों को 25 फरवरी को सजा सुनायी जायेगी. इस संबंध में नाबालिग की मां ने विष्णुगढ़ थाना में मामला दर्ज कराया था.
पीड़िता के अधिवक्ता पवन कुमार यादव व अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि वर्ष 2017 में नाबालिग को उसके घर से अपहरण कर महिला तस्कर कविता मंडल अपने साथ ले गयी थी. फिर मां बनकर उसे राजस्थान के दो अलग-अलग अधेड़ से शादी करायी. इसमें उसका सहयोग भोला प्रसाद मंडल उर्फ नानू ने भी किया था. महिला तस्कर ने पहली बार नाबालिग की शादी राजस्थान के जयपुर में एक अधेड़ व्यक्ति अनिल पारीक से करायी.
एक साल बाद नाबालिग को अपने मां-बाप से मिलने के बहाने ससुराल से सभी जेवरात, नगदी चोरी कर भागने को कहा. तय समय पर नाबालिग ने सुसराल से नगदी-जेवरात समेट कर घर से भागी. कविता मंडल उसे जयपुर से लाने खुद गयी थी. वापस आने के बाद महिला तस्कर ने जेवरात-नगदी खुद रख लिया और नाबालिग को अपने कब्जे में रखा.
जब नाबालिग ने उसके चुंगल से भागने की कोशिश की, तो तस्कर व उसके साथियों ने उसे एक अंधेरे कमरे में 15 दिनों तक कैद रखा. मानव तस्कर ने दोबारा राजस्थान के खाटू श्याम में रहनेवाले एक अधेड़ से नाबालिग की शादी करायी. इसके बदले उसने पैसे लिये. नाबालिग को एक बेटी भी हुई.
राजस्थान से अपनी बेटी के साथ गवाही देने पहुंची पीड़िता ने मामले में हजारीबाग एडीजे कोर्ट नंबर-6 में अपना बयान दिया. सुबह 11:00 से शाम 4:00 बजे तक 11 पन्नों के बयान उसने अपना दर्द बयां किया. कई मौके ऐसे आये जब वह दर्द साझा करते हुए फूट-फूट कर रोने लगी. रूंधे गले से उसने कोर्ट को बताया कि मेरी जैसे कई लड़कियों को कविता मंडल ने बेचा है. उन लड़कियों को बचा लीजिए जज साहिबा.
उसने कोर्ट को यह भी कहा कि जब उसकी पहली बार शादी जयपुर में करायी गयी, तब वहां अपने गांव के आसपास कई लड़कियों से मिली. सभी ने उसे बताया कि कविता मंडल ने उनलोगों को भी बेचा है. अब लोक-लाज व नसीब का खेल मानकर सभी घुट-घुटकर जीने को मजबूर हैं.