Jharkhand News: मानव तस्करी के शिकार झारखंड के 14 बच्चे दिल्ली से कराए गए मुक्त
मानव तस्करी के शिकार झारखंड के साहिबगंज जिले के 3 बालक एवं 11 बालिकाओं को दिल्ली से मुक्त कराया गया है. साहिबगंज जिले के 14 बच्चों में से 09 बच्चों को दिल्ली पुलिस के सहयोग से दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्र हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से मुक्त कराया गया है.
Jharkhand News: तमाम प्रयास के बाद भी झारखंड में मानव तस्करी थम नहीं रही है. मानव तस्करी के शिकार झारखंड के 14 बच्चे दिल्ली से मुक्त कराए गए हैं. ये साहिबगंज के हैं. मानव तस्करी के शिकार बालक/बालिकाओं को मुक्त कराकर उन्हें पुनर्वास किया जा रहा है. इसी कड़ी में मानव तस्करी के शिकार झारखंड के साहिबगंज जिले के 3 बालक एवं 11 बालिकाओं को दिल्ली से मुक्त कराया गया है.
अपहरण कर लाया दिल्ली और बेच दिया
इन बच्चों की काउंसेलिंग के दौरान यह पता चला कि रेखा (काल्पनिक नाम) नाम की एक 12 वर्षीय बच्ची को उसके गांव के एक व्यक्ति ने अपहरण कर एक वर्ष पहले दिल्ली लाकर विभिन्न इलाकों की कोठियों में घरेलू कार्य पर लगाया था. बच्ची द्वारा इसका विरोध करने पर उसे रेड लाइट एरिया में ले जाकर बेच दिया गया. वहां से एक दिन मौका पाकर वह खिड़की से कूदकर भाग निकली एवं एक ऑटो वाले की मदद से पुलिस स्टेशन पहुंच गई. पुलिस द्वारा झारखंड भवन से समन्वय स्थापित किया गया और बच्ची के घर का पता लगाया गया. आपको बता दें कि रेखा की मां की मृत्यु हो चुकी है और पिता ने दूसरी शादी कर ली है. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण गांव के एक व्यक्ति द्वारा जबरन उसे दिल्ली लाया गया था.
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टोल फ्री नंबर 10582 पर दी जा सकती है सूचना
मानव तस्करी पर झारखंड सरकार तथा महिला एवं बाल विकास विभाग काफी संवेदनशील है और त्वरित कार्यवाही की जाती है. यही कारण है कि दिल्ली में एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र चलाया जा रहा है. जिसका काम है मानव तस्करी के शिकार बच्चे एवं बच्चियों को मुक्त कराकर उनके जिलों में पुनर्वासित करना. इसका टोल फ्री नंबर 10582 है, जो 24 घंटे सातों दिन कार्य करता है. इसकी नोडल ऑफिसर नचिकेता द्वारा बताया गया कि यह केंद्र दिल्ली में प्रधान स्थानिक आयुक्त मस्तराम मीना की देखरेख में एवं महिला एवं बाल विकास विभाग (झारखंड) के अंतर्गत कार्य करता है.
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मानव तस्करी को लेकर सचिव कृपानंद झा द्वारा सख्त निर्देश दिया गया है कि दिल्ली एवं उसके निकटवर्ती सीमा क्षेत्र पर विशेष नजर रखी जाये. उसी क्रम में इस बार बड़ी कामयाबी मिली है और साहिबगंज जिले के 14 बच्चों में से 09 बच्चों को दिल्ली पुलिस के सहयोग से दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्र हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से मुक्त कराया गया है. महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक छवि रंजन द्वारा सभी जिले को सख्त निर्देश दिया गया है कि जिस जिले के बच्चे को दिल्ली में रेस्क्यू किया जाता है, उस जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा उन्हें वापस उनके जिले में पुनर्वास किया जाएगा. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा यह जानकारी दी गयी कि इन सभी बच्चों को झारखंड सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ते हुए इनकी निगरानी की जाएगी, ताकि ये बच्चे दोबारा मानव तस्करी का शिकार ना होने पाएं.
माता-पिता भी हैं जिम्मेदार
दलालों के चंगुल में बच्चों को भेजने में उनके माता-पिता की भी अहम भूमिका होती है. कई बार ऐसा देखा गया है कि बच्चे अपने माता-पिता, अपने रिश्तेदारों की सहमति से ही दलालों के चंगुल में फंसकर मानव तस्करी के शिकार बन जाते हैं. रेस्क्यू में एकीकृत पुनर्वास-सह- संसाधन केंद्र की परामर्शी निर्मला खलखो एवं कार्यालय सहायक राहुल कुमार ने बहुत अहम भूमिका निभाई.