Jharkhand News: मानव तस्करी की शिकार झारखंड की 5 बच्चियां दिल्ली से करायी गयीं मुक्त, ऐसे होगा पुनर्वास
Jharkhand News: मानव तस्करी की शिकार झारखंड के गुमला जिले की पांच बच्चियों को दिल्ली से मुक्त कराया गया है. इन्हें वापस झारखंड लाया जा रहा है. इसके बाद उन्हें विभिन्न योजनाओं से जोड़कर नयी दिशा दी जायेगी, ताकि वे फिर इस दलदल में नहीं फंसें.
Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सार्थक प्रयास से लगातार मानव तस्करी के शिकार बालक व बालिकाओं को मुक्त कराकर उन्हें पुनर्वास कराया जा रहा है. इसी कड़ी में मानव तस्करी की शिकार झारखंड के गुमला जिले की पांच बच्चियों को दिल्ली से मुक्त कराया गया है. इन्हें वापस झारखंड लाया जा रहा है. इसके बाद उन्हें विभिन्न योजनाओं से जोड़कर नयी दिशा दी जायेगी, ताकि वे फिर इस दलदल में नहीं फंसें.
छापामारी कर दिल्ली से कराया मुक्त
9 फरवरी को आईआरआरसी द्वारा संचालित टोल फ्री नंबर 10582 पर गुप्त सूचना मिली कि झारखंड की बच्चियों की तस्करी कर दिल्ली लाया गया है और उन्हें कार्य में लगाया जा रहा है. सूचना मिलते ही महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र की टीम ने तुरंत उत्तम नगर थाना, दिल्ली से संपर्क स्थापित कर बच्चों का लोकेशन ट्रेस कर छापामारी की और तकरीबन 3 घंटे की मशक्कत के बाद उन बच्चियों को एक मानव तस्कर के साथ किराए के मकान से छुड़ाया गया. फिर उनका मेडिकल कराकर सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया. मानव तस्कर पर अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है. टीम का नेतृत्व नोडल पदाधिकारी नचिकेता के द्वारा किया गया.
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दिल्ली से रांची लायी जा रहीं बच्चियां
महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक ए डोडे द्वारा सभी जिलों को सख्त निर्देश दिया गया है कि जिस भी जिले के बच्चों को दिल्ली में रेस्क्यू किया जाएगा, उस जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा बच्चों को उनके मूल जिले में पुनर्वास किया जाएगा. इसी क्रम में गुमला जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी वेद प्रकाश तिवारी द्वारा पहल करते हुए दिल्ली में रेस्क्यू की गयी पांचों बच्चियों को दिल्ली से गरीब रथ से वापस रांची लाया जा रहा है. इन बच्चियों को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि ये बच्चियां फिर से मानव तस्करी का शिकार न हो पाएं.
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पुनर्वास पर जोर
गौरतलब है कि स्थानिक आयुक्त मस्तराम मीणा के निर्देशानुसार एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र, नई दिल्ली के द्वारा लगातार दिल्ली के विभिन्न बालगृहों का भ्रमण कर मानव तस्करी के शिकार, भूले-भटके या किसी के बहकावे में फंसकर असुरक्षित पलायन कर चुके बच्चे, युवतियों को वापस भेजने की कार्रवाई की जा रही है. इसे लेकर दिल्ली पुलिस, बाल कल्याण समिति, नई दिल्ली एवं सीमावर्ती राज्यों की बाल कल्याण समिति से लगातार समन्वय स्थापित कर मानव तस्करी के शिकार लोगों की पहचान कर मुक्त कराया जा रहा है. उसके बाद मुक्त लोगों को सुरक्षित उनके गृह जिला भेजने का कार्य किया जा रहा है, जहां उनका पुनर्वास किया जा रहा है.
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झारखंड में सक्रिय हैं दलाल
दिल्ली से मुक्त करायी गईं बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था. झारखंड में ऐसे दलाल सक्रिय हैं, जो बच्चियों को दिल्ली में अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने बेच देते हैं, जिससे उन्हें मोटी रकम प्राप्त होती है और इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है.
माता-पिता भी हैं जिम्मेदार
दलालों के चंगुल में बच्चियों को भेजने में उनके माता-पिता की भी अहम भूमिका होती है. कई बार ऐसा देखा गया है कि बच्चियां अपने माता-पिता, अपने रिश्तेदारों की सहमति से ही दलालों के चंगुल में फंस जाती हैं.
मुक्त लोगों की होगी निगरानी
समाज कल्याण, महिला बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार झारखंड लाए जा रहे बच्चों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओं, स्पॉन्सरशिप, फॉस्टरकेयर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से जोड़ते हुए उनकी ग्राम बाल संरक्षण समिति (VLCPC)) के माध्यम से सतत निगरानी की जाएगी, ताकि बच्चियों को फिर मानव तस्करी का शिकार होने से बचाया जा सके. बच्चों को मुक्त कराने वाली टीम में एकीकृत पुनर्वास-सह- संसाधन केंद्र की परामर्शी निर्मला खलखो, राहुल कुमार एवं प्रिंस ने अहम भूमिका निभाई.
Posted By : Guru Swarup Mishra