Loading election data...

साल के अंतिम रविवार को हुंडरू फॉल में पर्यटकों की उमड़ी भीड़, सैलानियों ने जमकर उठाया लुत्फ

Jharkhand news, Ranchi news, सिकिदिरी (अनिल कुमार राज) : झारखंड का प्रसिद्ध हुंडरू जलप्रपात में साल के अंतिम रविवार (27 दिसंबर, 2020) को काफी संख्या में सैलानी घूमने पहुंचे. इसमें झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी पर्यटकों अपने परिवार के साथ घूमने पहुंचे. काफी भीड़ होने से दुकानों में भी काफी भीड़ देखी गयी. सैलानी जमकर लकड़ी के बने सामानों की खरीदारी की. एडवेंचर पार्क एवं जिप लाइन का भी पर्यटक भरपूर मस्ती उठाये. इस दौरान पर्यटकों की भीड़ को सावधानियां बरतने की जानकारी दी गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2020 6:15 PM

Jharkhand news, Ranchi news, सिकिदिरी (अनिल कुमार राज) : झारखंड का प्रसिद्ध हुंडरू जलप्रपात में साल के अंतिम रविवार (27 दिसंबर, 2020) को काफी संख्या में सैलानी घूमने पहुंचे. इसमें झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी पर्यटकों अपने परिवार के साथ घूमने पहुंचे. काफी भीड़ होने से दुकानों में भी काफी भीड़ देखी गयी. सैलानी जमकर लकड़ी के बने सामानों की खरीदारी की. एडवेंचर पार्क एवं जिप लाइन का भी पर्यटक भरपूर मस्ती उठाये. इस दौरान पर्यटकों की भीड़ को सावधानियां बरतने की जानकारी दी गयी.

हुंडरू जलप्रपात में करीब 15 हजार से अधिक पर्यटक पहुंचे. हालांकि, पर्यटन स्थल में पर्यटकों के लिए पेयजल एवं शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण सभी पर्यटक परेशान रहे. सिकिदिरी थाना की पुलिस लगातार गश्ती कर थी. सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने में राजकिशोर प्रसाद, मेघनाथ बेदिया, जीतवाहन भोगता सहित पर्यटन कर्मियों का सरहनीय योगदान रहा.

320 फीट की ऊंचाई से गिरता है पानी

प्रकृति के बीच में बसे हुंडरू फॉल की खूबसूरती देखते ही बनती है. 320 फीट की ऊंचाई से गिरते पानी को देख मन खुशियों से भर जाता है. आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है. वैसे तो पूरे वर्ष यहां सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन दिसंबर से फरवरी के बीच काफी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं और इस प्रकृतिक के खूबसूरती का आनंद उठाते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जो भक्त हुंडरू बाबा स्थल में मन्नत मांगते हैं, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है. फॉल के ऊपर जिप लाइन लगाया गया है. जिप लाइन के जरिये पर्यटक फॉल को करीब से देख सकते हैं. इसके अलावे एडवेंचर पार्क का भी आनंद उठा सकते हैं.

Also Read: झारखंड के हीरामन ने तैयार किये कोरवा भाषा की डिक्शनरी, ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने सराहा
कैसे पहुंचे

राजधानी रांची से हुंडरू फॉल जाने के 2 रास्ते हैं. दोनों ही रास्ते से फॉल तक पहुंचा जा सकता है. पहला रास्ता ओरमांझी भाया सिकिदिरी होकर पहुंचा जा सकता है. इस रास्ते से फॉल की दूरी 45 किमी है. वहीं, दूसरा रास्ता अनगड़ा भाया गेतलसूद होते हुए हुंडरू फॉल पहुंचता है, जिसकी दूरी 42 किमी है.

क्या सुविधा उपलब्ध है

हुंडरू फॉल में 80 लाख रुपये की लागत से टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स बनाया गया है. इसका टेंडर नहीं होने के कारण यह बंद पड़ा है. हुंडरू फॉल के होटलों में भोजन की सुविधा है. वहीं, ओरमांझी भाया सिकिदिरी रोड़ में 8-10 रेस्टूरेंट हैं, जिसमें भोजन की उत्तम व्यवस्था रहती है. हुंडरू फॉल में कार्यरत पर्यटन कर्मी फॉल के ऊपर व नीचे तैनात रहते हैं, ताकि पर्यटकों को किसी तरह की परेशानी ना हो.

स्थानीय लोगों को मिल रहा है रोजगार

हुंडरू फॉल के ऊपर व नीचे मिलाकर 12 से 15 स्थानीय लोगों के द्वारा होटल चलाया जा रहा है. वहीं, कुछ लोग हस्तशिल्प बनाकर बेचते हैं और अपना परिवार का भरन- पोषण कर रहे हैं.

Also Read: दाउद इब्राहिम का वो साथी जो 24 साल से फरार था, जमशेदपुर में धरा गया, अब खुलेंगे अंडरवर्ल्ड डॉन के कई राज
कहां- कहां है डेंजर जोन

1. साहेब चिकिवा दाह- साहेब चिकिवा दाह फॉल के ऊपर दायीं तरफ है. ऊपर से देखने पर पानी कम लगता है, लेकिन काफी गहराई है.

2. हुंडरू बाबा स्थल- हुंडरू बाबा स्थल फॉल के ऊपर है. यही से झरने का पानी नीचे गिरता है.

3. जोगिया दाह- यह हुंडरू फॉल के नीचे स्थित है. यह काफी खतरनाक स्थान है. इसकी गहराई 30-35 फीट है.

4. भंडार दाह- झरना का पानी जिस जगह गिरता है उसे भंडार दाह के नाम से जाना जाता है. यहां की गहराई को आज तक मापी नहीं जा सकी है.

गेतलसूद डैम भी है दर्शनीय स्थल

हुंडरू फॉल से 15 किमी पहले गेतलसूद डैम का भी आप आनंद उठा सकते हैं. जहां भुसूर जंगल की खूबसूरती पर्यटकों की खुशियों में चार चांद लगा देती है.

गेतलसूद डैम जाने का है 2 रास्ता

दो रास्ते के सहारे गेतलसूद डैम आप जा सकते हैं. पहला ओरमांझी भाया सिकिदिरी रोड़ के इंटेक मोड़ से भूसूर जंगल होते हुए तथा दूसरा अनगड़ा भाया हुंडरू फॉल के रास्ते गेतलसूद के समीप से पहुंचा जा सकता है.

Also Read: हेमंत सोरेन देंगे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इस विषय पर व्याख्यान, बनेंगे ऐसा करने वाले झारखंड के पहले सीएम

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version