रांची के नामकुम में पति ने पत्नी पर फेंका तेजाब,गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता Rims के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती
रांची के मौलाना आजाद कॉलोनी रोड नंबर-13 निवासी मो आमीर ने पैसे नहीं मिलने से नाराज होकर अपनी पत्नी पर तेजाब फेंक दिया. तेजाब फेंकने से पत्नी बुरी तरह से झुलस गयी. तत्काल अंजुमन अस्पताल ले जाया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया गया.
Jharkhand News: रांची के नामकुम थाना क्षेत्र स्थित मौलाना आजाद कॉलोनी रोड नंबर-13 निवासी मो आमीर ने गुस्से में अपनी पत्नी हिना परवीन (30 वर्ष) पर तेजाब फेंक दिया. इससे हिना गंभीर रूप से झुलस गयी. तेजाब फेंकने से हिना का चेहरा, गला, हाथ अौर सीना जल गया. जानकारी मिलते ही मायके वालों ने तत्काल अंजुमन अस्पताल ले कर गये, जहां से बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया. फिलहाल, रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भरती कराया गया है. जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. चिकित्सकों ने परिवार वालों को बताया है कि हिना परवीन 50 प्रतिशत झुलस गयी है. घटना को अंजाम देने के बाद मो आमीर फरार हो गया.
पैसा नहीं देने पर आमीर ने पत्नी पर फेंका तेजाब
पीड़िता हिना के भाई मो असफाक ने आरोप लगाया कि उसका जीजा हमेशा पैसे की मांग करता है. पैसा नहीं देेने के कारण ही मो आमीन ने अपनी पत्नी हिना पर तेजाब फेंक दिया़ उसने बताया कि सुबह सात बजे पत्नी पर तेजाब फेंककर उसे जख्मी करने के बाद मो आमीर फरार हो गया. हिना का देवर मो सद्दाम उसे लेकर अंजुमन अस्पताल पहुंचा. वहां से उसने हिना के पिता मो कलामुद्दीन उर्फ उद्दीन को फोन कर जानकारी दी. हिना का मायके गुदड़ी में है. सूचना मिलते ही हिना के भाई मो असफाक और पिता उद्दीन अंजुमन अस्पताल पहुंचे. अंजुमन से महिला को रिम्स रेफर कर दिया गया. मायके वाले ऑटो पर लेकर हिना को रिम्स पहुंंचे़ उसे रिम्स के ट्राॅमा सेंटर में भरती कराया गया है, वहां उसका इलाज चल रहा है.
हमेशा पैसे की मांग करता है मो आमीर
पीड़िता हिना का भाई मो असफाक ने बताया कि मो आमीर का मूल घर लालपुर के इंडिया मार्केट में है. वहीं, वह छोटा-सा मोबाइल रिपेयरिंग का दुकान चलाता है. 10 साल पहले शादी हुई थी. उसके बाद से हमेशा पैसे की मांग कर बहन को प्रताड़ित करता रहता था. जब भी हिना मायके आती, पांच से दस हजार रुपये लेकर जाती है.
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हर बार मायके वालों ने की मदद
हिना के दो बच्चे हैं. आठ साल का पुत्र मो अनीस और छह साल की बेटी अइमन. मो असफाक ने बताया कि कोरोना काल में अइमन की तबीयत काफी खराब हो गयी थी. मायके वालों ने लाखों खर्च कर बेटी को बचाया. इसके बाद भी मो आमीर हमेशा पैसे की मांग करता रहता है. उन्होंने बताया कि पिछले साल मो आमीर गिर गया था. गिरने से उसका पैर टूट गया था. उसके इलाज में हिना के मायके वालों ने 50 हजार रुपये खर्च किये थे. मो असफाक का जूता का हॉल सेल का दुकान है, जबकि हिना के पिता मो कलामुद्दीन ठेकेदारी करते हैं.