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झूठी कहानी गढ़कर मुझे पांच महीने जेल में रखा : हेमंत

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करीब पांच महीने बाद शुक्रवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार से जमानत पर बाहर निकले. वह जेल से सीधे अपने पिता शिबू सोरेन के आवास पहुंचे, जहां मां रूपी सोरेन ने उनकी आरती उतारी और पिता ने आशीर्वाद दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 29, 2024 12:42 AM
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रांची.

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करीब पांच महीने बाद शुक्रवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार से जमानत पर बाहर निकले. वह जेल से सीधे अपने पिता शिबू सोरेन के आवास पहुंचे, जहां मां रूपी सोरेन ने उनकी आरती उतारी और पिता ने आशीर्वाद दिया. हेमंत के साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और भाई बसंत सोरेन भी थे. परिवार से मिलने के बाद हेमंत बाहर आये और मीडिया मुखातिब हुए. उन्होंने कहा : झूठी कहानी गढ़ कर मुझे पांच महीने तक जेल में रखा गया. अंतत: न्यायालय ने अपना न्याय सुनाया और वह बाहर आये. उन्होंने कहा कि जो संकल्प लिया है, उसे मुकाम तक पहुंचायेंगे. लड़ाई जारी रहेगी. हेमंत ने कहा : मुझे लगता है कि इस राज्य के लिए, हमारे झारखंडवासियों के लिए, आदिवासियों-मूलवासियों के लिए बीते पांच महीने बेहद चिंता से भरे रहे हैं. पूरे देश को पता है कि मैं किस वजह से जेल गया था. आखिरकार न्यायिक प्रक्रिया के तहत आज मैं बाहर हूं. मैं न्यायालय का सम्मान करता हूं. लेकिन, कभी-कभी चिंता होती है. आज के समय में जिस तरह से राजनेताओं, समाजसेवियों, लेखकों, पत्रकारों की आवाज को सुनियोजित तरीके से बंद करने का प्रयास किया जा रहा है, वह किसी से छिपा नहीं है. न्याय पाने में जो वक्त लगता है, वह सामान्य वक्त से महत्वपूर्ण होता है. हेमंत ने कहा : जिस तरह एक झूठी और मनगढ़ंत कहानी गढ़कर मुझे पांच महीनों तक जेल में रखा गया, उसी तरह देश के अलग-अलग हिस्सों में कहीं पत्रकार बंद हैं, तो कहीं नेता. सरकार के विरुद्ध आवाज उठानेवाले लोगों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. दिल्ली में सीएम जेल में बंद हैं. कुछ लोगों को मंत्री रहते जेल में डाल दिया जा रहा है. न्याय की प्रक्रिया इतनी लंबी हो रही है कि दिन-महीने नहीं, वर्षों लग रहे हैं. जो लोग पूरी शिद्दत के साथ अपने-अपने राज्य और देश के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं, उनकी राह में बाधाएं खड़ी की जा रही हैं.

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