डॉक्टरों से तालमेल बिठाकर रिम्स को ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास करूंगी- डॉ. मंजू गाड़ी
रिम्स राज्य का गौरव है. यहां चिकित्सा सेवाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. रिम्स के इतिहास में पहली बार कोई महिला व आदिवासी निदेशक बनी है. महिला हित की बात करने वाली व स्वच्छ छवि की डॉ मंजू गाड़ी ने रिम्स के प्रभारी निदेशक का पद संभाल लिया है.
रिम्स राज्य का गौरव है. यहां चिकित्सा सेवाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. रिम्स के इतिहास में पहली बार कोई महिला व आदिवासी निदेशक बनी है. महिला हित की बात करने वाली व स्वच्छ छवि की डॉ मंजू गाड़ी ने रिम्स के प्रभारी निदेशक का पद संभाल लिया है. प्रभात खबर संवाददाता राजीव पांडेय ने डॉ मंजू से विशेष बातचीत की.
Q रिम्स राज्य को सबसे बड़ा अस्पताल है. इसे बेहतर चिकित्सा वाला संस्थान बनाने की आपकी क्या योजना होगी?
रिम्स 60 साल में रिम्स काफी आगे बढ़ा है. चिकित्सा जगत की नयी सेवाएं यहां शुरू की गयी है. गंभीर बीमारी के इलाज के लिए मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ता है. पड़ाेसी राज्य के मरीज रिम्स में इलाज कराने आते है. रिम्स पर लोगोें का भरोसा है. मैं रिम्स को अौर ऊंचाई तक ले जाने का प्रयास करूंगी. डॉक्टरों के साथ बैठक कर आपसी सामंजस्य स्थापित किया जायेगा. बेहतरी के हर संभव प्रयास किये जायेंगे. रिम्स में जो नयी सेवाएं नहीं शुरू हो पायी है, उन्हें शुरू कराया जायेगा. राज्य के डॉक्टर जो बाहर सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें झारखंड लाने का प्रयास होगा.
Q रिम्स में अाप महत्वपूर्ण पद पर रही हैं. वर्तमान में आप डीन भी है. विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आप क्या प्रयास करेगी?
डीन होने के नाते विद्यार्थियों की समस्या की पूरी जानकारी मुझे है. छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए प्रयास किया जायेगा. मेडिकल विश्वविद्यालय के प्रस्ताव में तेजी लायी जायेगी. मेरा प्रयास होगा कि मेरे कार्यकाल में मेडिकल विवि स्थापित हो जाये.
इससे विद्यार्थियों को रांची विवि पर निर्भर नहीं रहना होगा. परीक्षाएं हम स्वयं ले पायेंगे. सत्र समय पर पूरा होगा. रिम्स छोटे या बड़े फैसले खुद कर पायेगा. विद्यार्थियों की हर परेशानी दूर करने का प्रयास किया जायेेगा. एक महिला होने के नाते छात्राओं की हर समस्या मैं अनुभव करती हूंं. मुझे प्रशासनिक जिम्मेदारी का अनुभव है, इसलिए रिम्स के संचालन में कोई दिक्कत नहीं होगी.
Q नियुक्ति में गड़बड़ी सहित स्थानीय को प्राथमिकता नहीं देने का मामला चर्चा में रहा है. इसका हल कैसे निकलेगा?
नियुक्तियों में जो गड़बड़ी व विरोधाभास है, उसे मिल बैठ कर निबटाया जायेगा. गलती चिह्नित कर उसे दूर करने में सीनियर डॉक्टरों की मदद ली जायेगी. हर स्तर पर निष्पक्षता से काम होगा. नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार का जो नियम व कानून है, उसका पालन किया जायेगा. हम हर संभव प्रयास करेंंगे कि तृतीय व चतुर्थ वर्ग पर राज्य के युवाओं का मौका मिले.
Post by : Pritish Sahay