आइसीएआर से बीएयू को चार करोड़ की एससीएसपी योजना की मिली स्वीकृति
रांची : आइसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) ने लॉक डाउन के बाद अनुसूचित जाति समुदाय की आजीविका व सामाजिक-आर्थिक सुधार के लिए बिरसा कृषि विवि को एससीएसपी योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी है. इस योजना के लिए विवि अंतर्गत कृषि शिक्षा प्रसार निदेशालय द्वारा प्रस्ताव सौंपा गया था. आइसीएआर इस योजना को चलाने के […]
रांची : आइसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) ने लॉक डाउन के बाद अनुसूचित जाति समुदाय की आजीविका व सामाजिक-आर्थिक सुधार के लिए बिरसा कृषि विवि को एससीएसपी योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी है. इस योजना के लिए विवि अंतर्गत कृषि शिक्षा प्रसार निदेशालय द्वारा प्रस्ताव सौंपा गया था. आइसीएआर इस योजना को चलाने के लिए विवि को चार करोड़ रुपये उपलब्ध करायेगा. विवि के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरएस कुरील ने बताया है कि अनुसूचित जाति उपघटक योजना (एससीएसपी) के तहत राज्य में संचालित सभी 16 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के माध्यम से 16 जिलों में अनुसूचित जाति आजीविका सुधार और सामाजिक-आर्थिक सुधार कार्यक्रम चलाया जायेगा.
यह कार्यक्रम राज्य के बोकारो, गिरिडीह, जामताड़ा, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, साहेबगंज, सरायकेला- खरसावां, पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सिमडेगा, चतरा, धनबाद, दुमका, गढ़वा और पाकुड़ में चलाया जायेगा. चार करोड़ लागत वाली इस योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक केवीके को 25-25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जायेगी. 15 लाख की राशि से बकरी पालन, सूकर पालन और मुर्गी पालन कार्यक्रम चलाया जायेगा. इसके तहत बकरी, सूकर व चूजों के भोज्य पदार्थ सहित इनपुट समर्थन सेवाओं में राशि खर्च की जायेगी. शेष 10 लाख की राशि निर्माण, एक्सपोजर विजिट, ऑन फार्म डिमोस्ट्रेशन ट्रायल और फ्रंट लाइन डिमोस्ट्रेशन ट्रायल आदि में खर्च किया जायेगा.
डॉ कुरील ने बताया कि इससे जिले के अनुसूचित जाति समुदायों के गरीब किसानों की आजीविका और सामाजिक-आर्थिक सुधार को गतिशील करने में मदद मिलेगी. कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), पटना के निदेशक डॉ अंजनी कुमार सिंह ने केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ईकाई आइसीएआर के सौजन्य से योजना की स्वीकृति की जानकारी दी है. उन्होंने वर्ष 2020-21 में योजना के संचालन के लिए 15 मई तक राशि विवि को उपलब्ध कराने की बात कही है. प्रसार शिक्षा निदेशालय ने सभी केवीके प्रधान सह वरीय वैज्ञानिक को जिले के दो प्रखंडों के कुल चार गांवों से लाभार्थियों की पहचान एवं अग्रिम व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. यह योजना आइसीएआर के सौजन्य से अप्रैल, 2019 से 10 जिलों में संचालित टीएसपी-मधुमक्खी पालन (मीठी क्रांति) योजना के पैटर्न पर प्रत्येक जिले के चार-चार गांवों में केवीके के माध्यम से चलाया जायेगा.