रांची. पंडरा से कांके तक फोर लेन सड़क निर्माण के लिए हो रहे भू-अर्जन कार्य का नवासोसो के रैयतों ने विरोध शुरू कर दिया है. जमीन की मुआवजा दर बढ़ाने को लेकर शनिवार को यहां ग्राम सभा की बैठक भी हुई. जिसमें निर्णय लिया गया कि अगर मुआवजा दर नहीं बढ़ा, तो रैयत अपनी जमीन नहीं देंगे. जमीन की मापी करने भी नहीं देंगे. ग्राम प्रधान संजू प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुखिया लीला तिर्की, वार्ड सदस्य रेणु देवी, मंजू मुंडा सहित बड़ी संख्या में रैयत मौजूद थे.
रेट 4.60 लाख रुपये प्रति डिसमिल मांग रहे रैयत
ग्रामीणों ने कहा कि नवासोसो में जहां जमीन ली जा रही है, वहां का रेट 4.60 लाख रुपये प्रति डिसमिल होना चाहिए, लेकिन उन्हें 56 हजार रुपये प्रति डिसमिल दिया जा रहा है. जिन रैयतों ने अपनी जमीन का निबंधन आवासीय दर पर कराया है, उनकी जमीन को भी कृषि भूमि मान कर मुआवजा निर्धारित किया गया है.रेट तय करने में मनमानी, अब जमीन देने का दबाव
रैयतों ने कहा कि जिला भू-अर्जन कार्यालय के कर्मियों ने रेट निर्धारण में मनमानी की है. इसकी जानकारी रैयतों को भी नहीं दी गयी थी. अब जाकर उन्हें रेट का पता चल रहा है. रेट तय करने में लापरवाही की गयी है और अब ग्रामीणों पर जमीन देने का दबाव दिया जा रहा है.मापी का किया विरोध, लौटना पड़ा कर्मियों को
शुक्रवार को भू-अर्जन कार्यालय के कर्मी व पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर वहां मापी के लिए गये थे, लेकिन रैयतों ने उन्हें मापी करने नहीं दी. इस कारण बिना मापी के ही कर्मियों को लौटना पड़ा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है