मनरेगाकर्मी काम पर नहीं लौटे तो हटाये जायेंगे, होगी प्राथमिकी
मनरेगा कर्मियों की हड़ताल को लेकर ग्रामीण विकास विभाग ने आदेश दिया है कि मनरेगाकर्मी 48 घंटे के अंदर काम पर लौट जायें. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उनकी संविदा रद्द कर दी जायेगी. उनकी जगह नये लोगों को नियुक्त किया जायेगा. स्थानीय सक्षम व्यक्ति को नियमानुसार काम पर रखने की कार्रवाई की जायेगी.
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विभाग की चेतावनी : काम में बाधा डाली, तो होगी कार्रवाई
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विभाग ने इस बाबत सभी जिलों के डीसी व डीडीसी को लिखा है पत्र
रांची : मनरेगा कर्मियों की हड़ताल को लेकर ग्रामीण विकास विभाग ने आदेश दिया है कि मनरेगाकर्मी 48 घंटे के अंदर काम पर लौट जायें. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उनकी संविदा रद्द कर दी जायेगी. उनकी जगह नये लोगों को नियुक्त किया जायेगा. स्थानीय सक्षम व्यक्ति को नियमानुसार काम पर रखने की कार्रवाई की जायेगी. विभागीय आदेश में कहा गया है कि जो मनरेगाकर्मी जानबूझकर अभिलेख, टैब लॉगिन आइडी व पासवर्ड नहीं दे रहे हैं और काम में बाधा डाल रहे हैं, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाये. विभाग ने इस बाबत सभी जिलों के उपायुक्तों और उप विकास आयुक्तों को पत्र लिखा है.
नयी नियुक्ति की प्रक्रिया बढ़ी
विभाग ने लिखा है कि कोविड-19 की वजह से गरीब बेरोजगारों को रोजगार देना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है. ऐसे में मनरेगाकर्मी हड़ताल पर चले गये हैं, जबकि उनसे अपील की गयी थी कि इस वक्त हड़ताल पर नहीं जायें. उनके हड़ताल पर जाने के बाद विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत काम कराना शुरू कराया है, लेकिन कुछ जिलों से यह सूचनाएं मिल रही हैं कि वहां मनरेगा कर्मी जानबूझकर आवश्यक कागजात, लॉगिन आइडी व पासवर्ड नहीं दे रहे हैं.
इस कारण मजदूरों का मस्टर रोल तैयार नहीं हो पा रहा है. इससे मनरेगा का काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने में भी दिक्कत आ रही है. इधर, मनरेगाकर्मी सरकार की अपील के बाद भी काम पर नहीं लौटे हैं. ऐसे में विभाग उनकी जगह नयी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है.